सूरत : शिवंता जेम्स के 100 से अधिक हीरा श्रमिक हड़ताल पर, बोले – "12,000 में कैसे चलाए परिवार?"
कम मजदूरी और घटते काम से परेशान रत्न कलाकारों ने काम छोड़कर किया विरोध प्रदर्शन, वेतन बढ़ाने की रखी मांग
सूरत। हीरे की चमक बिखेरने वाले सूरत के रत्न कलाकार आज आर्थिक तंगी और कम मजदूरी से टूट चुके हैं। वराछा स्थित शिवंता जेम्स के 100 से अधिक हीरा श्रमिकों ने कम वेतन और अपर्याप्त काम को लेकर आज हड़ताल कर दी। प्रदर्शन कर रहे श्रमिकों ने सड़क पर उतरकर मालिकों के खिलाफ नारेबाजी की और "पर्याप्त काम, पर्याप्त मजदूरी" की मांग की।
हीरे को भले ही दुनिया का सबसे कीमती रत्न कहा जाता हो, लेकिन उसे तराशने वाले कलाकार मात्र ₹12,000 प्रतिमाह कमा रहे हैं। बढ़ती महंगाई के बीच इस वेतन में घर चलाना उनके लिए नामुमकिन हो गया है। श्रमिकों का कहना है कि पहले उन्हें मोटे हीरे तराशने को मिलते थे, जिससे वे ₹25,000 से ₹30,000 तक कमा लेते थे। अब फैक्ट्री में केवल छोटे 15 सेंट के हीरे दिए जा रहे हैं, जिनसे दिनभर की मेहनत के बाद भी ₹400 ही बनते हैं।
शिवंता जेम्स में कार्यरत निकुंज गुजरिया ने बताया,"पिछले छह दिन से हमें काम नहीं मिल रहा है। जब हम काम मांगते हैं तो जवाब मिलता है – 'हीरे नहीं हैं तो क्या तराशने को दें?' अब हमें छोटे और पतले हीरे दिए जा रहे हैं, जिनसे हमें इतना वेतन नहीं मिलता कि परिवार चला सकें।"
हीरा श्रमिकों ने बताया कि वे लगातार वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं, लेकिन कंपनी प्रबंधन से उन्हें कोई ठोस जवाब नहीं मिला। इस असंतोष के चलते आज उन्होंने सामूहिक रूप से फैक्ट्री के बाहर हड़ताल का बिगुल फूंक दिया।
हीरा श्रमिकों का कहना है कि अगर जल्द ही उनकी मांगे पूरी नहीं हुईं, तो वे आंदोलन को और तेज करने के लिए मजबूर होंगे।