Down syndrome बच्चों के लिए सूरत में मेगा हेल्थ चेकअप कैंप सफलतापूर्वक संपन्न
सूरत पीडियाट्रिक एसोसिएशन चैरिटेबल ट्रस्ट, एडोलसेंट हेल्थ एकेडमी (AHA), अशुतोष हॉस्पिटल, बबल्स और रोटरी सूरत रिवरसाइड के संयुक्त तत्वावधान में Down syndrome से प्रभावित बच्चों के लिए विशेष मल्टीस्पेशलिटी हेल्थ चेकअप कैंप का आयोजन किया गया।
कैंप में लगभग 40 बच्चों की विशेषज्ञ डॉक्टरों द्वारा संपूर्ण स्वास्थ्य जांच की गई। विभिन्न बीमारियों की स्क्रीनिंग और परामर्श के साथ-साथ अभिभावकों को आवश्यक देखभाल के बारे में भी जागरूक किया गया।
Down syndrome: विशेष देखभाल की आवश्यकता
Down syndrome एक अनुवांशिक विकार है, जिससे हर 700 में से एक बच्चा प्रभावित होता है। सूरत में ‘हमसफ़र सूरत’ नामक सपोर्ट ग्रुप ऐसे बच्चों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान करता है। ये बच्चे अक्सर कला, संगीत और खेल जैसे क्षेत्रों में विशेष प्रतिभा रखते हैं, जिन्हें सही मार्गदर्शन से आगे बढ़ाया जा सकता है।
कैंप में पहचानी गई प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं
- थायरॉयड असंतुलन – कई बच्चों में थायरॉयड की गड़बड़ी पाई गई।
- पाचन संबंधी समस्याएं – अपच, एसिडिटी और कुपोषण की समस्या देखी गई।
- हृदय विकार – जन्मजात हृदय बीमारियों की पहचान की गई।
- हड्डी एवं मांसपेशियों की समस्याएं – ऑर्थोपेडिक जांच में कई जटिलताएं पाई गईं।
- नींद में सांस रुकना (OSA) – निदान के लिए स्लीप स्टडी की सिफारिश की गई।
- मोटापा और पोषण – संतुलित आहार और व्यायाम पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी गई।
विशेषज्ञों की सेवाएं
कैंप में विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने भाग लिया, जिनमें पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक, कार्डियोलॉजिस्ट, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट, नेफ्रोलॉजिस्ट, नेत्र चिकित्सक, डेंटिस्ट और डर्मेटोलॉजिस्ट शामिल रहे।
माता-पिता के लिए सलाह
डॉक्टरों ने समय पर जांच, सतत देखभाल, नियमित थायरॉयड और हृदय परीक्षण, संतुलित पोषण और व्यायाम को बेहद जरूरी बताया।
कैंप नेतृत्व व आयोजन
इस आयोजन का नेतृत्व डॉ. फगुन शाह, डॉ. दीपा पटेल, डॉ. राजीव राय चौधरी, डॉ. अश्विनी शाह, डॉ. प्रशांत करिया और मेघना सुराना ने किया। साथ ही राष्ट्रीय IAP 2025 टीम का भी सहयोग रहा।
यह चिकित्सा शिविर Down syndrome बच्चों के लिए अत्यंत उपयोगी और सफल रहा। यह आयोजन बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार और समर्पित देखभाल की दिशा में एक सराहनीय पहल है। भविष्य में भी ऐसे शिविरों के आयोजन की योजना है, ताकि इन बच्चों को निरंतर देखभाल और प्रोत्साहन मिलता रहे।