सूरत : 10वीं पास फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, 10 साल से लोगों की जान से कर रहा था खिलवाड़

बिना डिग्री के खुद को शिशु रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ और सर्जन बताकर चला रहा था क्लिनिक

सूरत : 10वीं पास फर्जी डॉक्टर गिरफ्तार, 10 साल से लोगों की जान से कर रहा था खिलवाड़

सूरत: सूरत के लसकाणा इलाके में एक फर्जी डॉक्टर का भंडाफोड़ हुआ है, जो सिर्फ 10वीं पास होने के बावजूद पिछले 10 साल से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहा था। आरोपी महितोषभाई संतोषभाई चिंतपात्रो (35) मूल रूप से पश्चिम बंगाल का रहने वाला है और बिना किसी डिग्री के "श्री लक्ष्मी क्लिनिक" नाम से अपना अस्पताल चला रहा था।

जब पुलिस ने उसके क्लिनिक पर छापा मारा, तो उसी समय फर्जी डॉक्टर की गर्भवती पत्नी को प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। इस कारण पुलिस को पहले उसकी पत्नी को अस्पताल पहुंचाना पड़ा, जिसके बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया।

जोन-1 एल.सी.बी. शाखा की पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि लसकाणा गांव के लक्ष्मी पार्क सोसायटी में एक बिना डिग्री वाला व्यक्ति डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज कर रहा है। छापेमारी के दौरान पुलिस को बड़ी मात्रा में एलोपैथिक दवाएं, इंजेक्शन और मेडिकल उपकरण मिले। फर्जी डॉक्टर खुद को बाल रोग विशेषज्ञ, स्त्री रोग विशेषज्ञ, सर्जन और फिजीशियन बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था। जांच के दौरान 96,794 रुपये नकद बरामद हुए, जो उसने इलाज और दवाइयां बेचकर कमाए थे।

डीसीपी आलोक कुमार के अनुसार, आरोपी पहले पश्चिम बंगाल में भी तीन साल तक बिना डिग्री के मेडिकल प्रैक्टिस कर चुका है। इसके बाद उसने सूरत में आकर "लक्ष्मी क्लिनिक" खोल लिया और मजदूर वर्ग के लोगों को इलाज के नाम पर ठगता रहा।

लसकाणा क्षेत्र में बड़ी संख्या में मजदूर रहते हैं, जिन्हें महंगे अस्पतालों में जाने में दिक्कत होती है। इसी का फायदा उठाकर आरोपी ने सस्ते इलाज और दवाइयों का लालच देकर अपना गैरकानूनी धंधा चलाया। 10 सालों में हजारों मरीज उसके झांसे में आ चुके हैं।

पुलिस ने आरोपी के क्लिनिक से बड़े पैमाने पर मेडिकल सप्लाई जब्त की, जिनमें एलोपैथिक दवाइयां, इंजेक्शन और सर्जिकल उपकरण, मेडिकल किट और पर्चे शामिल हैं। आरोपी महितोषभाई संतोषभाई चिंतपात्रो जिसकी उम्र 35 साल, शिक्षा सिर्फ 10वीं पास, मूल निवासी: दमदम, कोलकाता, पश्चिम बंगाल। सूरत में लक्ष्मी पार्क सोसायटी, लसकाणा में निवास करता था और फर्जी पहचान चाइल्ड स्पेशलिस्ट, गायनोकोलॉजिस्ट, सर्जन, फिजीशियन की बनाई थी। 

आरोपी के खिलाफ ठगी और लोगों की जान से खिलवाड़ करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। जांच में यह भी पता लगाया जाएगा कि उसे मेडिकल सप्लाई कौन देता था। क्या उसने अब तक किसी मरीज की जान को सीधा नुकसान पहुंचाया है?

सूरत में बिना डिग्री के डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज करने वाले इस फर्जी डॉक्टर की गिरफ्तारी ने एक बड़ा खतरा उजागर किया है। यह मामला दिखाता है कि कैसे झोलाछाप डॉक्टर लोगों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। पुलिस की इस कार्रवाई के बाद अब उम्मीद है कि ऐसे मामलों पर और सख्ती बरती जाएगी और जनता को जागरूक किया जाएगा।

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