सूरत : श्री खेतेश्वर पैदल यात्रा संघ द्वारा 113 वीं यात्रा सम्पन्न
यात्रा में पधारे राजस्थान युवा संघ के अध्यक्ष विक्रमसिंह शेखावत का किया स्वागत
पूर्णिमा के पावन पर्व पर संघ द्वारा 113 वीं यात्रा फाल्गुन महीने की धूमधाम से निकाली गई। मंदिर पहुंचकर आरती हवन इत्यादी कार्यक्रम हुए सवर्प्रथम परम आराध्य ब्रह्मलीन दयालु सन्त श्रद्धेय बालकदासजी महाराज को श्रद्धाजलि अर्पित की गई, उनके जीवन पर प्रकाश डाला और दो मिनिट का मौन रखा गया। आज यात्रा के लाभार्थी गोपालसिंह, शांतिलाल ,महेन्द्रसिंह सुपुत्र थानसिंह राजपुरोहित, भागली पुरोहितान का स्वागत प्रकाश भाई बरलूट प्रवीणसिंह मादा, मदनसिंह बारवा ,हनुमानसिंह मादा द्वारा किया गया। हाल ही रमणीया में प्रतिष्ठा महोत्सव हेतु तोरण की सर्वाधिक बोली चढ़ावा लेने और पैदल यात्रा के सहयोगी कपुरसिंह भागली पुरोहितान का स्वागत भगवानसिंह मोहनगढ़,हनुमानसिंह कुलथाना,भवानीसिंह धींगाना के किया। आज के बाल यात्री का स्वागत लवकुमार, श्रवणभाई मनोरा, श्रवणसिंह तालकिया, मदनभाई सिलोइया द्वारा किया।
पैदल यात्रा सयोंजक महेंद्रसिंह राजपुरोहित ने पिछले दिनों सूरत में शिवशक्ति मार्केट में अपने समाज बन्धुओं को काफी नुकसान झेलना पड़ा। सब कुछ बर्बाद होते अपनी आँखों से देखा, लेकिन नियति के आगे कुछ नही कर सके उनके प्रति सवेदना प्रकट की। साथ ही वर्तमान होली का महीना है, सभी समाज के छोटे बड़े भवन है और उसमें समाज एकता के कार्यक्रम होते है लेकिन ,,अपने समाज के पास सब कुछ होते हुए भी कुछ नही है क्योंकि अन्याय के सामने मौन रहना ही अन्याय को बढ़ावा देता है। अतः जागृत होने का समय आ गया है। मातृशक्ति को एक मुहिम चलाने की जरूरत पर बल दिया। अतः उसका परिणाम सार्थक आयेगा।
सूरत में आगामी 30 मार्च को राजस्थान स्थापना दिन के उपलक्ष्य में प्रवासी समाज की सबसे बड़ी संस्था राजस्थान युवा संघ द्वारा सूरत की पुण्य धरा पर एक अद्भुत कार्यक्रम राजस्थानी संस्कृति और मातृशक्ति आराधना को जोड़कर एक विक्रमी आयोजन जिसकी अनुसंसा गिनीज बूक में हो ऐसा प्रयास मा अम्बे की आरती और घूमर नृत्य जिसकी खास विशेषता दादी माँ और पोती तीन पीढ़ी साथ मे आत्मीयता के साथ संस्कृति का भाव प्रकट करेगी। इस आयोजन की जानकारी देने हेतु विशेष संस्था अध्यक्ष विक्रमसिंह शेखावत पधारे कार्यकम की रूपरेखा ओर जानकारी दी। उनका स्वागत गंगासिंह रायथल ,पपुसिंह साकरणा ने किया। कार्यक्रम के अंत में माताओं द्वारा फागुन की धमाल पर नृत्य किया गया और एक दूसरे को बधाई दी,पैदल यात्रा संघ द्वारा यात्रा में पधारे सभी भक्तों का मदनसिंह बारवा ने आभार व्यक्त किया।