निर्वासन के दौरान अमानवीय व्यवहार पर चिदंबरम ने सरकार को घेरा, नड्डा ने किया पलटवार

निर्वासन के दौरान अमानवीय व्यवहार पर चिदंबरम ने सरकार को घेरा, नड्डा ने किया पलटवार

नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सोमवार को सरकार से सवाल किया कि क्या विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के साथ हुई हालिया मुलाकात के दौरान मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का वह मुद्दा उठाया था, जिसमें निर्वासित किए गए भारतीय प्रवासियों को ‘हथकड़ी’ लगाकर भेजे जाने की बात थी।

उनकी इस टिप्पणी पर सदन के नेता जे पी नड्डा ने पलटवार करते हुए कहा कि जब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में ऐसी ही कार्रवाई हुई थी तो ऐसे सवाल क्यों नहीं उठाए गए।

केंद्रीय बजट 2025-26 पर चर्चा की शुरुआत करते हुए, चिदंबरम ने दावा किया कि विदेश मंत्रालय ‘पिछले सप्ताह बुरी तरह लड़खड़ा गया था’ और अब स्पष्ट है कि अमेरिका ने भारत को 104 अवैध भारतीय प्रवासियों के निर्वासन के बारे में पहले ही सूचित कर दिया था जो अमृतसर पहुंचे थे।

चिदंबरम ने कुछ दिन पहले जयशंकर और रुबियो की मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मैं सरकार से पूछता हूं कि क्या विदेश मंत्री ने रूबियो के समक्ष यह मामला उठाया? क्या उन्हें एसओपी के बारे में पता था?’’

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘अगर उन्हें एसओपी के बारे में पता था तो क्या उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री से एसओपी का विरोध किया था? क्या वह एसओपी के बारे में जानते थे कि उन्हें हथकड़ी लगाने, पैरों को रस्सियों से बांधने की आवश्यकता थी ... अगर वह इसके बारे में जानते थे तो क्या उन्होंने रुबियो के समक्ष इसका विरोध किया? अगर उन्होंने विरोध नहीं किया तो क्यों नहीं किया?’’

चिदंबरम ने यह भी जानना चाहा कि क्या विदेश मंत्री ने भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए अमेरिका को विमान भेजने की पेशकश की थी।

इस पर नड्डा ने कहा कि उन्हें आश्चर्य हुआ कि पूर्व वित्त मंत्री ने 2012 में क्यों नहीं सवाल किया जब वह केंद्रीय मंत्री थे।

भाजपा नेता ने कहा कि विदेश मंत्री पहले ही सदन में इस मामले के बारे में विस्तृत बयान दे चुके हैं और विस्तार से बता चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं क्योंकि ऐसा पेश किया जा रहा है कि केवल आप (विपक्ष) अवैध प्रवासियों के अमानवीय निर्वासन को लेकर परेशान हैं। हालांकि यह तथ्य है कि यह चिंता 2009, 2010 या 2014 में नहीं थी और अब 2025 में भी यह चिंता उठाई जा रही है।’’

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि निर्वासन की प्रक्रिया कोई नयी नहीं है और आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा कई वर्षों से चल रही है।

नड्डा ने कहा, ‘‘मानक संचालन प्रक्रिया, अमेरिकी आव्रजन और सीमा शुल्क प्रवर्तन द्वारा उपयोग किए जाने वाले विमान द्वारा निर्वासन 2012 से प्रभावी है।’’

चिदंबरम ने कहा कि एक और गंभीर मामला है कि अमेरिका ने 483 भारतीयों की सूची तैयार की है, जिनकी पहचान अवैध प्रवासियों के रूप में की गई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि वह उन्हें कब निर्वासित करेंगे। मैं विशेष तौर पर पूछना चाहता हूं कि क्या सरकार भारतीयों को वापस लाने के लिए एक भारतीय विमान भेजेगी।’’

जयशंकर ने पिछले सप्ताह उच्च सदन में कहा था कि विमानों से निर्वासन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया में 2012 से अमेरिकी नीति के अनुसार संयम बरतने का प्रावधान है।

विपक्षी दलों ने अमृतसर में उतरे 104 अवैध भारतीय प्रवासियों के साथ अमेरिकी सैन्य विमान में किए गए व्यवहार की कड़ी आलोचना की थी।

 

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