भारत 2027 तक लसीका फाइलेरिया को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध : नड्डा
नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने सोमवार को कहा कि सरकार 2027 तक भारत को फाइलेरिया मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए समुदाय की सक्रिय भागीदारी की अपील की।
नड्डा लसीका फाइलेरिया (एलएफ) उन्मूलन के लिए वार्षिक राष्ट्रव्यापी सामूहिक औषधि कार्यक्रम (एमडीए) अभियान की शुरुआत पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से 13 चिह्नित एलएफ प्रभावित राज्यों के राज्य स्वास्थ्य मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे।
इस अभियान के तहत 13 राज्यों के 111 प्रभावित जिलों में घर-घर जाकर फाइलेरिया की रोकथाम के लिए दवाइयां वितरित की जाएंगी।
लसीका फाइलेरिया को आमतौर पर ‘हाथी पांव’ के नाम से जाना जाता है और यह मच्छरों द्वारा फैलने वाला रोग है। इसमें मनुष्य के पांव और अन्य अंगों में सूजन हो जाती है।
इस बात पर गौर करते हुए कि लसीका फाइलेरिया लोगों को अक्षम बना देता है और उनके जीवन की गुणवत्ता को खराब कर देता है, नड्डा ने 2030 के सतत विकास लक्ष्य से काफी पहले इस रोग के उन्मूलन के लिए पांच-आयामी रणनीति के कार्यान्वयन का आह्वान किया।
उन्होंने कहा, “10 फरवरी से ये दवाइयां प्रभावित जिलों में 17.5 करोड़ से अधिक की आबादी को मुफ्त में उपलब्ध कराई जाएंगी। यह जरूरी है कि इन इलाकों में रहने वाले लोग इन दवाओं का सेवन करें, ताकि वे खुद को और अपने परिवार को इस दुर्बल करने वाली बीमारी से बचा सकें।”
उच्च कवरेज प्राप्त करने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि, “स्थानिक जिलों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि 90 प्रतिशत से अधिक पात्र जनसंख्या फाइलेरिया रोधी दवाइयों का सेवन करें। हमारी सामूहिक प्रतिबद्धता और दृढ़ संकल्प जीवन को बदलने में मदद करेगा और लसीका फाइलेरिया से मुक्त भविष्य सुनिश्चित करेगा।”
उन्होंने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे प्रभावित लोगों का शीघ्र निदान सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तर पर अभियान की निगरानी करें और इसके लिए चिह्नित राज्य/जिला स्तर पर राजनीतिक और प्रशासनिक नेतृत्व की व्यक्तिगत भागीदारी की भी मांग की।
मंत्री ने संपूर्ण सरकारी दृष्टिकोण पर जोर दिया और कहा कि अभियान गतिविधियों में सहयोग के लिए अन्य मंत्रालयों और विभागों को भी शामिल किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, “भारत लसीका फाइलेरिया को खत्म करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है और आगे भी कायम रहेगा। हमारा संकल्प 2027 तक इस लक्ष्य को हासिल करना है।”