सूरत : सदाचार की रक्षा-सुरक्षा गोवंश की सेवा से ही संभव : डॉ. राजेन्द्रदासजी महाराज

श्री जड़खोर गोधाम गौशाला के सेवार्थ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का भव्य शुभारंभ

सूरत : सदाचार की रक्षा-सुरक्षा गोवंश की सेवा से ही संभव : डॉ. राजेन्द्रदासजी महाराज

श्री जड़खोर गोधाम सेवा समिति सूरत द्वारा श्री जड़खोर गोधाम गौशाला के सेवार्थ श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन 2 से 8 जनवरी 2025 तक  श्री सुरभि धाम, सूर्य प्रकाश रेजिडेंसी के पीछे, मेघना रो हाउस के सामने, अग्रसेन गार्डन की गली में, सिटी लाइट, सूरत में दोपहर 3:30 बजे से सायं 7:00 बजे तक किया गया है। गुजरात की आर्थिक राजधानी यमुनाजी की बहन पतितपावनी तापी तट पर बसी सूरत की पावन धरा पर परम गौ उपासक, करुणामय, वेदज्ञ, निर्मल हृदय अनंत श्रीविभूषित श्रीमज्जगद्गुरु द्वाराचार्य अग्र पीठाधीश्वर एवं मलूक पीठाधीश्वर स्वामी डॉ. श्री राजेंद्र दास देवाचार्य जी महाराज (श्री रैवासा-वृंदावन धाम) के मुखारविन्द से 10 वीं बार अमृतमयी श्रीमद भागवत कथा की ज्ञान गंगा में गोता लगाने का सौभाग्य धर्मप्रेमी सूरतवासियों को हो रहा है। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के मनोरथी शहर के प्रतिष्ठित उद्योगपति एवं समाजसेवी श्रीमती गीतादेवी गजानंद कंसल एवं समस्त कंसल परिवार है। 

व्यवस्था संयोजक प्रमोद कंसल एवं मीडिया प्रभारी सज्जन महर्षि  ने बताया कि श्री मद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिन गुरुवार को जे.पी. अग्रवाल, (रचना ग्रुप), सुभाष टिबडेवाल, शशिभूषण जैन, श्रवण मेंगोतिया, बालकृष्ण अग्रवाल (सीए), बंशीधर गोलपुरिया, विनोदजी, तुलसी राजपुरोहित, आनंद खेतान, गोपाल अग्रवाल, विजय अग्रवाल, सुनिल टाटनवाला, संदीप पोद्दार, चन्द्रपाणी जालान, राम प्रकाश बेडिया बतौर मुख्य अतिथि उपिस्थत रहे और महाराजजी का अभिवादन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। मंच का संचालन योगेन्द्र शर्मा ने किया। 

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महाराजजी ने पिछले वर्ष कथा के दौरान गृहस्थ परिवार में रहते हुए भगवान के परम भक्त राधावल्लभ जालान के महाप्रयाण को स्मरण किया। इस वर्ष की कथा श्रीमद् भागवत के दशम स्कंध गो चारण लीला से प्रारंभ हुआ। हमारे ठाकुरजी मानव रुप में प्रकट होकर गो माता की महिमा का न केवल वर्णन किया है, बल्कि विविध प्रकार से सेवा भी की है। महाराजजी ने कहा कि सदाचार की रक्षा-सुरक्षा ही गौ माता एवं गोवंश की सेवा में निहित है, लेकिन आज दुर्भाग्य है कि इन्हें समाज में बहुत ही तिरस्कृत रूप से देखा जा रहा है। मानव जीवन का सर्वोत्कृष्ट पुण्य सत्संग है। संसार के अनेक लोग श्रीमद् भागवत कथा कराने के बारे में सोचते हैं, लेकिन कथा श्रवण का लाभ उन्हें ही मिलता है, जिस पर भगवान की कृपा होती है। इस पवित्र कार्य के लिए राकेश कंसल एवं उनका परिवार परम सौभाग्यशाली है। उनके प्रयास से इष्ट मित्रों एवं धर्मप्रेमी सज्जनों को कथा श्रवण का लाभ प्राप्त हो रहा है।  

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महाराज जी ने कहा कि वर्तमान समय में समाज के लोगों में गौ माता एवं गो वंश के संरक्षण में भाव का अभाव देखा जा रहा है। देश भर की कार्पोरेट कंपनियों का सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) के तहत 26 हजार करोड रुपए के फंड था, उसमें से मात्र 12 करोड़ की राशि देश भर के गो वंश के संरक्षण के लिए दिये गये थे। महाराज जी ने उपस्थित सभी चार्टर्ड अकाउंट से इस लज्जापूर्ण आंकड़े को सम्मा नजनक आंकड़े में बदलने का आग्रह किया। महाराज जी ने 84 कोस ब्रजमंडल में भटकने वाली गौ माता एवं गोवंश के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में श्री जरखोर गोधाम गोशाला में 10 हजार गो वंश सेवित हैं। परंतु 84 कोस ब्रजमंडल में भटकने वाले सभी गोवंश को संरक्षण के लिए अतिरिक्त 10000 गोवंश की संरक्षण की व्यवस्था करना है, जिसके लिए तत्काल 10 शेड एवं जमीन के साथ-साथ गौ माता के आहार आदि के लिए बड़ी राशि की आवश्यकता है।

 महाराज जी ने कहा कि सनातन धर्म के रक्षण संरक्षण के लिए गौशाला, गोधन एवं गुरुकुल के बारे में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। सूरत वासी तो देश भर में सेवा देते ही हैं। सेवा आपका का सौभाग्य है, लेकिन सेवा उतना ही करें जिससे अपने परिवार और आप पर भार न पड़े। उन्होंने कहा कि गो वंश रुपी सनातन धर्म की संरक्षण के इस पवित्र कार्य में मनुष्य तो केवल निमित्त बनता है, यह कार्य प्रभु अवश्य ही पूरा करते हैं और अपनी महती कृपा से जिसे इस सेवा सौभाग्य प्रदान करना चाहते हैं उसे ही निमित्त बनाते हैं। 

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