सूरत: 21 दिसंबर 2024 को "विश्व साड़ी दिवस" के अवसर पर फोस्टा (Federation of Surat Trade & Textile Association) ने सूरत शहर में खास आयोजन किया। सूरत, जिसे विश्व भर में साड़ी का प्रमुख केंद्र माना जाता है, ने इस दिन को भारतीय परिधान, संस्कृति और नारीशक्ति का प्रतीक बताते हुए धूमधाम से मनाया।
सूरत की साड़ियां भारत के गाँवों से लेकर बड़े शहरों और रिटेल स्टोर्स से लेकर होलसेल बाजारों तक अपनी चमक बिखेरती हैं। भारतीय महिलाओं के परिधान की पहली पसंद बन चुकी सूरत की साड़ी केवल एक वस्त्र नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता, परंपरा और नारी गरिमा का प्रतीक है।
फोस्टा के अध्यक्ष कैलाश हाकिम ने इस अवसर पर कहा, "आज की युवा पीढ़ी जो वेस्टर्न फैशन की ओर तेजी से आकर्षित हो रही है, उसे यह समझाने की जरूरत है कि हमारी अपनी संस्कृति कितनी समृद्ध और खूबसूरत है। साड़ी न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि यह भारतीय महिलाओं की गरिमा और सौंदर्य को भी प्रदर्शित करती है।"
इस मौके पर “साड़ी: परिधान नहीं, भारतीयता का प्रतीक” और “अपनी जड़ों से जुड़े, साड़ी अपनाएं” जैसे संदेश देकर भारतीय परंपराओं को पुनर्जीवित करने का आह्वान किया गया। सूरत ने "विश्व साड़ी दिवस" को भारतीय संस्कृति, परंपरा और सौंदर्य के प्रतीक के रूप में मनाते हुए अपनी धरोहर के प्रति गर्व और सम्मान का प्रदर्शन किया।