सूरत : एसएमए ने जुलाई महीने में व्यापारी भाइयों को 1.75 करोड़ रुपए समाधान करवा कर दिलवाए

विलंब से भुगतान करने वाले व्यापारियों का फोटो वायरल एवं ब्लैकलिस्ट करने पर बनी सहमति

सूरत : एसएमए ने जुलाई महीने में व्यापारी भाइयों को 1.75 करोड़ रुपए समाधान करवा कर दिलवाए

सूरत मर्कन्टाइल एसोसिएशन की 179 वीं नियमित  साप्ताहिक समस्या समाधान मीटिंग का आयोजन व्यापारी भाईयों की निःस्वार्थ सेवा में 28 जुलाई 2024 रविवार को प्रातःकाल 9.30 से 10.30  बजे तक माहेश्वरी भवन,बोर्ड रुम पहला माला पर सीटी लाइट के प्रांगण में "एस एम ए"  प्रमुख  नरेन्द्र साबू व उनकी पूरी पंच पैनल एवं कोर कमेटी टीम की अगुवाई में आयोजित की गई। 

इस सप्ताह की मीटिंग में 90 व्यापारी भाईयों की सादर उपस्थिति रही और 15 आवेदन पत्र समस्या समाधान हेतु सुनवाई हुई, जिसमें से 1 आवेदन का समाधान तुरंत बातचीत द्वारा किया गया तथा शेष मामलें पंच पैनल एवं  लीगल टीम को सौंप दिये गये हैं, जो की समयानुसार समाधान प्रक्रिया में आ जायेंगे।

जुलाई महीने में संगठन ने अपनी कार्यशैली के बारे में बताया जिसमें 42 आवेदन पत्र का समाधान कराया गया, जिसमें व्यापारी भाइयों को एक करोड़ 75 लाख रुपए की बड़ी रकम
 समाधान करवा कर दिलवाई गई है।  आज के मुख्य एजेंडा पर व्यापारिक चर्चा करते हुए सभी व्यापारियों की सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि अगर व्यापारी भाइयों को बिना सहमति के 120 दिन या उससे लेट पेमेंट मिलेगा और अगर व्यापारी भाई  आवेदन पत्र करेगा तो सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन उपरोक्त व्यापारी का नाम उसकी फोटो सभी ग्रुपों में वायरल करेगा और उस व्यापारी को संगठन द्वारा ब्लैक लिस्ट कर दिया जाएगा ताकि अन्य दूसरे व्यापारी लेट पेमेंट की तकलीफ से मुक्त हो सकें।मीटिंग का समापन स्वादिष्ट शानदार अल्पाहार  के साथ सम्पन्न हुआ। 

मीटिंग में "एस एम ए" परिवार के अशोक गोयल, राजीव उमर,सुरेन्द्र अग्रवाल, महेश पाटोदिया, राजकुमार चिरानिया, दुर्गेश टिबडेवाल, मनोज अग्रवाल, राजेश गुरनानी, संदीप अग्रवाल, दीपक अग्रवाल, रामकिशोर बजाज,संदीप गुप्ता, अरविंद जैन, मुकेश अग्रवाल, केवल असीजा, राजेन्द्र कनोडिया, बंसत माहेश्वरी, अनिल भाऊवाला, सुनील अग्रवाल आदि सदस्यों की सादर उपस्थिति रही। 

व्यापारी ने की एसएमए की सराहना

मीटिंग में सूरत टैक्सटाइल मार्केट के प्रसिद्ध व्यापारी मालू जी के प्रतिनिधि आए और उन्होंने संगठन का धन्यवाद किया जिसमें 6 माह पूर्व आपके द्वारा आवेदन पत्र दिया गया था जिसमें उनका 43 लाख रुपए एक व्यापारी से लेने थे और इस सप्ताह में उन्हें वह रुपए मिल गए है। संगठन का बहुत-बहुत धन्यवाद देते हुए वह बोले कि विश्व में पहला ऐसा अनोखा संगठन है जो निःशुल्क और निःस्वार्थ यह सेवा दे रहा है। आपने संगठन के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की।

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