सूरत : मेट्रो परियोजना के चलते स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा स्थानांतरित
स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा को मक्काईपुल से हटाकर दयालजी बाग में स्थापित किया गया
सूरत शहर में मेट्रो परियोजना के कार्यान्वयन के कारण शहर के भूगोल में बड़े बदलाव हो रहे हैं। मक्काईपुल स्थित स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा, जो सूरत की पहचान का हिस्सा बन गई थी। मेट्रो संचालन में बाधा बनने के कारण स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा दयालजी बाग में स्थानांतरित कर दी गई है।
सूरत मेट्रो का पहला चरण सरथाणा से ड्रीम सिटी तक और दूसरा चरण भेसान मार्ग पर चल रहा है। पहला चरण एलिवेटेड और अंडरग्राउंड ट्रैक का निर्माण शामिल करता है, जो मक्काईपुल, नानपुरा और माछीवाड क्षेत्रों से होकर गुजरता है।
स्वामी विवेकानंद सर्किल मेट्रो निर्माणकार्य में बाधा रुप हो रहा था। स्वामी विवेकानंद सर्किल मेट्रो मार्ग के बीच में पड़ता है, जिससे इसका संचालन बाधित हो रहा था। दयालजी बाग तापी नदी के किनारे स्थित एक लोकप्रिय स्थल है। प्रतिमा को वहां स्थापित कर दिया गया है, जिससे बाग की सुंदरता और सांस्कृतिक महत्व में वृद्धि होगी।
मक्काईपुल पर स्थित यह प्रतिमा लंबे समय से सूरतवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रही है। प्रतिमा का स्थानांतरण लोगों की भावनाओं को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह विकास कार्यों के लिए आवश्यक था।
मेट्रो परियोजना शहर में यातायात को सुगम बनाने और परिवहन के एक कुशल विकल्प के रूप में काम करेगी। हालांकि, इसके लिए शहर के कई ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों में बदलाव की आवश्यकता पड़ी है।
स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का स्थानांतरण विकास और पारंपरिक धरोहर के संतुलन को बनाए रखने का एक उदाहरण है। यह कदम जहां मेट्रो परियोजना को गति देगा, वहीं दयालजी बाग में प्रतिमा की उपस्थिति इसे एक नई पहचान भी प्रदान करेगी।