सूरत : सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा: विजय मेवावाला

देश के विभिन्न शहरों में पीपीपी आधार पर ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब शुरू किए जाएंगे

सूरत : सरकार ने इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बढ़ावा: विजय मेवावाला

भारत की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई 2024 को साल 2024 के लिए वार्षिक बजट की घोषणा की। चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने बजट का स्वागत करते हुए कहा कि यह बजट समाजोन्मुखी और आत्मनिर्भर भारत की ओर अग्रसर है। उन्होंने आगे कहा कि दक्षिण गुजरात में व्यवसाय और उद्योग के साथ-साथ बागवानी भी है, जबकि सरकार ने कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को बागवानी में उपयोग करने के लिए 109 उच्च उपज वाले किस्म के बीज देने की घोषणा की है। वहीं भारत को दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए विशेष योजना दी गई है।

देश के विभिन्न शहरों में पीपीपी आधार पर ई-कॉमर्स एक्सपोर्ट हब शुरू करने की घोषणा की गई है। चैंबर ने पहले छोटे शहरों में पीपीपी आधार पर निर्यात केंद्र की मांग की थी, जो इस बजट में पूरी हो गई है। चुनौतीपूर्ण स्थिति में वर्ष 2024-25 में मुद्रास्फीति दर को 4% से कम करने के लिए सरकार द्वारा किये गये प्रयासों का स्वागत किया। उन्होंने राजकोषीय घाटे को 4.9% पर रखने और 2026 तक इसे 4% से नीचे लाने के प्रयास की भी सराहना की। एमएसएमई उद्यमियों के क्रेडिट गारंटी योजना संयंत्र और मशीनरी खरीदने के लिए 100 करोड़ तक का क्रेडिट गारंटी फंड शुरू करने का ऐलान किया गया। अब एमएसएमई उद्यमियों को दिए जाने वाले ऋण का मूल्यांकन संपत्ति के बजाय डिजिटल फुटप्रिंट के आकलन के आधार पर किया जाएगा। घोषणा की गई है कि बीमार उद्योगों को भी लोन मिलेगा।

देश में नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत 12 औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा की गई है। जब डीएमआईसी सूरत से गुजरेगा, तो एक औद्योगिक पार्क सूरत से मिलेगा और इसके अलावा देश के 100 शहरों में 100 औद्योगिक पार्कों को प्लग एंड प्ले के तहत लाया जाएगा। उन्हें उम्मीद थी कि उनमें से कुछ दक्षिण गुजरात को दिया जाएगा।

बजट में क्रिटिकल मिनरल्स मिशन की घोषणा की गई है। जिसके तहत कुछ खनिजों के लिए अनिवार्य पुनर्चक्रण, पुन:उपयोग की नीति लाई जाएगी। जैसे प्लास्टिक में ईपीआर है, वैसे ही खनिजों में भी ईपीआर प्रावधान लाने की घोषणा की गई है। सरकार विदेशों में भी ऐसे महत्वपूर्ण खनिजों की खदानें हासिल करने के लिए विशेष धनराशि उपलब्ध कराएगी। इन उपायों से महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता आएगी। चैंबर अध्यक्ष ने कहा, इसके साथ ही आयात में भी कमी आने की संभावना है।

भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए प्लब भंडारण परियोजनाओं की एक विशेष योजना शुरू की जाएगी। तो सोलर इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा। भारत सरकार द्वारा निजी कंपनियों के सहयोग से छोटे मॉड्यूलर परमाणु रिएक्टरों पर शोध किया जाएगा। नई नीति द्वारा ऊर्जा दक्षता लक्ष्य भी निर्धारित किये जायेंगे और इसके जरिये भारत में कार्बन ट्रेडिंग बाजार तैयार किया जायेगा। सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 11.11 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलने की संभावना है। और राज्य सरकारें इन्फ्रा डेवलपमेंट के लिए केंद्र सरकार द्वारा 1.50 लाख करोड़ तक का ब्याज मुक्त ऋण प्रदान किया जाएगा, जिससे राज्यों की बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि होगी और निजी क्षेत्र की कंपनियों को बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को शुरू करने के लिए सरकार द्वारा व्यवहार्यता अंतर निधि प्रदान की जाएगी। 

चेंबर अध्यक्ष ने कहा कि कपड़ा उद्योगपतियों के लिए कोई खास घोषणा नहीं की गई है। लेकिन हमें उम्मीद है कि टेक्सटाइल से जुड़ी नई नीतियों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

बजट 2024 में रोजगार, उद्योग और बुनियादी ढांचे पर ध्यान : चैंबर उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी

उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि 2024 का वार्षिक बजट सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बनाया गया संतुलित एवं दूरदर्शी बजट है। बजट में महिला सशक्तिकरण को ध्यान में रखते हुए रुपये का विशेष आवंटन किया गया है। विभिन्न योजनाओं के लिए 3 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं। जिससे महिला उद्यमियों एवं समाज का विकास होगा तथा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा। 100 शहरों में स्ट्रीट मार्केट शुरू किये जायेंगे। तो नये रोजगार का सृजन होगा। पीएम सूर्य घर योजना को बढ़ावा देने का प्रावधान किया गया तो सोलर इंडस्ट्री को फायदा होगा। राजकोषीय घाटा कम करने का संकल्प यानि राजकोषीय घाटा कम करने का संकल्प स्वागत योग्य है।

उन्होंने आगे कहा कि 100 शहरों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने के प्रावधान से शहरों की स्वच्छता और स्वास्थ्य में काफी सुधार होगा। पीएम आवास योजना में 3 करोड़ घरों के प्रावधान से गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को अपने घर का सपना साकार करने में मदद मिलेगी। शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विकास में रु. 1.48 लाख करोड़ का प्रावधान, देश का रु. इससे 4 करोड़ 10 लाख युवाओं को फायदा होगा।

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