सूरत : बजट में हीरा उद्योग के लिए जीजेईपीसी की बरसों से लंबित मांग का स्वीकार : विजय मांगुकिया 

कच्चे हीरे पर 2 फीसदी इक्वलाइजेशन लेवी हटा दी, विदेशी खनन कंपनियां सीधे कच्चे हीरे बेच सकेंगी, सोने चांदी पर कस्टम ड्यूटी 15 से घटाकर 6 फीसदी

सूरत : बजट में हीरा उद्योग के लिए जीजेईपीसी की बरसों से लंबित मांग का स्वीकार : विजय मांगुकिया 

 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 23 जुलाई को आम बजट की घोषणा हुई। जिसमें मोदी 3.0 सरकार के इस बजट में सूरत की रीढ़ हीरा उद्योग के लिए गेम चेंजर की घोषणा की गई है। जीजेईपीसी की लंबे समय से लंबित मांग को केंद्रीय बजट 2024-25 में वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है। जिसके अनुसार विदेशी कंपनियों को विशेष अधिसूचना क्षेत्रों में कच्चे हीरे बेचने की अनुमति दी गई है। जो भारत के हीरा उद्योग के लिए गेम चेंजर साबित होगा और भारत को बेल्जियम और दुबई जैसे वैश्विक कच्चे हीरे के व्यापार केंद्रों के बराबर खड़ा कर देगा।

जीजेईपीसी के क्षेत्रीय अध्यक्ष विजय मांगुकिया ने कहा कि बजट में मंदी के दौर में हीरा उद्योग के लिए बूस्टर डोज की घोषणा की गई है। रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए अच्छा बजट है। कच्चे हीरे के आयात पर 2 फीसदी इक्वलाइजेशन लेवी हटा दी गई है, जिससे लागत पर काफी असर पड़ेगा। इसके अलावा, पहले खननकर्ता यहां प्रदर्शन करने आते थे और जब वापस जाते थे तो लागत और समय बर्बाद करके माल वापस कर देते थे। नए नियमों के कारण अब ऐसा नहीं होगा। खननकर्ता अब सूरत भारत में प्रदर्शन के साथ सेल भी कर सकेंगे।

सूरत चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला के मुताबिक, बजट सूरत के हीरा उद्योग के लिए अच्छा रहा है। विदेशी खनन कंपनियों को कच्चे हीरे बेचने की अनुमति दी गई है, जो भारतीय हीरा उद्योग और विशेष रूप से सूरत के लिए बहुत उपयोगी होगा। अब यहां विदेशी रफ आसानी से बिक सकेगा। कच्चे हीरों की ऑनलाइन नीलामी पर लगने वाला इक्वलाइजेशन लेवी दो प्रतिशत टैक्स हटा दिया गया है। इसके अलावा सोने और चांदी पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी कर दी गई है, जिससे आभूषण उद्योग को काफी फायदा होगा।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी ने कहा कि संतुलित बजट है। वित्त मंत्री ने 12 औद्योगिक पार्क बनाने की घोषणा की है, इसका फायदा सूरत को मिल सकता है। ई-कॉमर्स हब विकसित होने से निर्यात बढ़ सकता है। विदेशी खनन कंपनियां सूरत में सीधे कच्चे हीरे बेच सकेंगी, जिससे हीरा उद्योग को काफी फायदा होगा।

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