कागजी रिकॉर्ड्स से लेकर डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड्स तक का सफर: इस सफर को तय करना क्यों है ज़रूरी?

इमरजेंसी के दौरान अपने परिवार के किसी सदस्य के हेल्थ रिकॉर्ड को तुरंत हासिल कर पाना आपके लिए कितना ज़रूरी है?

कागजी रिकॉर्ड्स से लेकर डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड्स तक का सफर: इस सफर को तय करना क्यों है ज़रूरी?

इमरजेंसी के दौरान अपने परिवार के किसी सदस्य के हेल्थ रिकॉर्ड को तुरंत हासिल कर पाना आपके लिए कितना ज़रूरी है? प्रभावी रूप से मेडिकल उपचार के लिए यह अत्यंत आवश्यक है, आप यह बात मानते हैं न? बावजूद इसके भारत में यह आज भी एक चुनौती भरा काम है।

खासकर ओपीडी केयर के मामलों में। बड़े अस्पतालों ने भर्ती हुए मरीज़ों के लिए डिजिटल रिकॉर्ड बनाने की प्रक्रिया अपना ली है, लेकिन आज भी ज़्यादातर ओपीडी में आए मरीज़ों की जानकारी को कागज़ी स्वरूप में ही रखा जाता है। इसकी वजह से मरीज़ अक्सर इन्हें बेतरतीब तरीके से रखते हैं, जिसके परिणामस्वरूप ये खो जाते हैं। क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या डॉक्टर के साथ अपूर्ण जानकारी साझा की जाती है।

जब डॉक्टर सर्वोत्तम देखभाल प्रदान करने की कोशिश करते हैं, तब यह समस्या और मुश्किल भरी हो जाती है और चिंताजनक मेडिकल स्थिति में यह अत्यंत गंभीर रूप धारण कर लेती है। डॉक्टरों के लिए एक उचित परिदृश्य वह होता है जहां मरीज़ की सारी जानकारी तुरंत उपलब्ध हो जाती है और डिजिटल रिकॉर्ड इस मामले में सर्वोत्तम समाधान पेश करते हैं। 

और तो और डिजिटल रूप से रिकॉर्ड को बनाए रखना न केवल एक समझदारी भरा कदम है, बल्कि यह एक अत्यधिक कुशल तरीका भी है। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (ABDM) का लक्ष्य इस मुद्दे का हल निकालना है। डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड पर ध्यान केंद्रित करके, ABDM भारत में हेल्थकेयर की गुणवत्ता और पहुंच में सुधार करना चाहता है।इस पहल से विभिन्न स्टेकहोल्डर डिजिटल इकोसिस्टम का हिस्सा बन गए हैं, जिससे कि बाधारहित हेल्थ डेटा की सुविधा प्राप्त हो रही है। सरल शब्दों में, ABDM यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की तरह ही काम करता है।  जैसे UPI बिना किसी बाधा के एक बैंक से दूसरे बैंक में आसान ट्रांसफर की सुविधा पेश करता है, ठीक वैसे ही ABDM, मरीज़ों की स्वीकृति के पश्चात, उनकी स्वास्थ्य संबंधित जानकारी को एक हेल्थकेयर संस्था से दूसरे हेल्थकेयर संस्था को ट्रांसफर करता है। 

हरेक व्यक्ति के लिए एक विशिष्ट आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) निर्दिष्ट किया जाता है, जिसके अंतर्गत सारे हेल्थ रिकॉर्ड्स का रखरखाव होता है। इस प्रणाली से हेल्थ डेटा का संग्रह सिलसिलेवार और विश्वसनीय तरीके से सुनिश्चित किया जाता है, साथ ही इसे आसानी से फिर से प्राप्त किया जा सकता है और विभिन्न हेल्थकेयर प्रदाताओं के बीच साझा किया जा सकता है।ABDM के अंतर्गत, मरीज़ की स्वीकृति के पश्चात, भारत में किसी भी डॉक्टर या अस्पताल द्वारा हेल्थ रिकॉर्ड आसानी से हासिल किए जा सकते हैं।

इससे मौजूदा समय में जो डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड एक्सेस नहीं किए जा सकते हैं, उसकी समस्या से समाधान पाने में मदद मिल सकती है और यह सुनिश्चित होता है कि स्वास्थ्य संबंधित जानकारी स्वास्थ्य प्रदाताओं के पास हमेशा उपलब्ध रहती है. अंततः इस पहल से मरीज़ और डॉक्टर को एक बेहतरीन हेल्थकेयर का अनुभव प्राप्त होगा, हेल्थ रिकॉर्ड आसानी से उपलब्ध होंगे और सरलता के साथ इनका रखरखाव किया जा सकेगा।

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