सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन द्वारा आयोजित सावन की गोठ एंव नारी सम्मान समारोह का शानदार आयोजन

मां वैष्णो शक्ति धाम में आयोजित इस कार्यक्रम में संगठन के 228 व्यापारी भाई-बहन और उनके परिवारों ने भाग लिया

सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन द्वारा आयोजित सावन की गोठ एंव नारी सम्मान समारोह का शानदार आयोजन

रविवार प्रातःकाल 10:30 बजे मां वैष्णो शक्ति धाम के प्रांगण में सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन (एसएमए) द्वारा सावन की गोठ एंव नारी सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में संगठन के 228 व्यापारी भाई-बहन और उनके परिवारों ने भाग लिया।

संगठन की उपलब्धियों का लेखा-जोखा

कार्यक्रम की शुरुआत संगठन के प्रमुख नरेंद्र साबू द्वारा पिछले चार वर्षों के कार्यों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने से हुई। उन्होंने बताया कि सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन गत 4 वर्षों से व्यापारियों की व्यापारिक, सामाजिक और सामाजिक समस्याओं का समाधान करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहा है। यह एकमात्र ऐसा व्यापारिक मंच है जहां व्यापारी अपनी समस्याओं को लेकर निःशुल्क और निस्वार्थ भाव से समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

निःशुल्क आंखों के जांच शिविर का आयोजन

आज के कार्यक्रम में ASG आई हॉस्पिटल के सहयोग से निःशुल्क आंखों के जांच शिविर का भी आयोजन किया गया। शिविर में 115 व्यापारी भाई-बहनों ने अपनी आंखों का चेकअप करवाया।

समाजसेवी महिलाओं का सम्मान

समारोह में सामाजिक दायित्व निभाने के लिए समाज की उन महिलाओं को सम्मानित किया गया जिन्होंने समाज के लिए उत्कृष्ट सामाजिक और व्यापारिक सेवाएं प्रदान की हैं। सम्मानित महिलाओं में श्रीमती हेमाली बहन बोधावाला (पूर्व मेयर), श्रीमती बिमला देवी साबू (पूर्व अध्यक्ष, ऑल इंडिया माहेश्वरी महिला समाज), समाज सेविका श्रीमती कविता जी दुबे, श्रीमती सुनीति करवा, मीना डांस एकेडमी की संचालिका श्रीमती मीना जी, अग्रवाल एकेडमिक ट्यूशन कोच श्रीमती कविता साबू और लूथरा ग्रुप की संस्थापक श्रीमती शारदा बहन लूथरा शामिल थीं।

सम्मानित महिलाओं के विचार

सम्मानित महिलाओं ने अपने विचारों को साझा करते हुए सफलता के कुछ महत्वपूर्ण मंत्र दिए। उन्होंने कहा कि परिवार का समर्थन, सही समय पर विवाह, बच्चों से सीखना, जुनून को निरंतर बनाए रखना और दूसरों के अनुभवों से सीखना सफलता के लिए आवश्यक है।

जब सम्मानित महिलाओं को मंच पर आकर बोलने का मौका दिया गया, तो उन्होंने कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कीं:

  • परिवार का समर्थन उनकी सफलता का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है।
  • सही उम्र में शादी करना भी महत्वपूर्ण है।
  • उन्होंने अपने बच्चों से बहुत कुछ सीखा और उन सीखों को अपने जीवन में लागू किया।
  • हमें भी कम से कम दो या अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए।
  • अपने जुनून को निरंतर करते रहने से सफलता जरूर मिलेगी।
  • दूसरों के अनुभवों से सीखना भी आवश्यक है।

मुख्य वक्ता का उद्बोधन

कार्यक्रम के अंत में मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमती बिमला जी साबू ने कहा कि समाज सेवा और देश सेवा से पहले हमें अपने परिवार में सामंजस्य स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल सहनशीलता की कमी और अहंकार के कारण परिवार टूट रहे हैं। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे बच्चों और बड़ों को समय देकर परिवारों की एकता को मजबूत करें।

कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस कार्यक्रम में अशोक जी गोयल, सुरेंद्र अग्रवाल, दुर्गेश टिबडेवाल, महेश पाटोदिया, राजकुमार चिरानिया, हेमन्त गोयल, राजेश गुरनानी, संजय अग्रवाल, बसंत महेश्वरी, संदीप अग्रवाल, राजेंद्र कनोडिया, कमलेश जैन, गौरव भसीन, जितेंद्र सुराणा, घनश्याम महेश्वरी सहित अनेक व्यापारी और शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे।

एसएमए संगठन की सदस्यता निःशुल्क :  नरेन्द्र साबू

‍B15072024-16

सर्वप्रथम संगठन के प्रमुख नरेंद्र साबू ने सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन (एसएमए) के चार साल का लेखा-जोखा दिया और संगठन की कार्यशैली से सभी भाइयों और बहनों को अवगत कराया।

सूरत मर्केंटाइल एसोसिएशन गत पिछले 4 वर्षों से व्यापारी भाइयों की व्यापारिक, सामाजिक समस्याओ से संबंधित समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। व्यापारिक जीवन की ओर भी काफी सेवाएं दे रहे हैं जिससे व्यापारी भाइयों का चौमुखी विकास हो रहा है।

 यह विश्व का एकमात्र ऐसा व्यापारिक प्लेटफार्म है जहां पर हर सप्ताह सभी व्यापारी भाई अपनी समस्याओं को लेकर आ सकते हैं और संगठन निस्वार्थ और निशुल्क तरीके से सुलझाने की कोशिश करता हैं। 

संगठन का कोई भी मेंबरशिप चार्ज नहीं है सब सेवा निशुल्क है ताकि छोटे से छोटा व्यापारी जुड़ सके और उस पर कोई भी तरह का अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं आए।

सही उम्र में शादी करना भी महत्वपूर्ण : बिमालदेवी साबू

‍B15072024-17


बिमला जी साबू ने अपने उदबोधन मै बताया की समाज सेवा व देश सेवा के पहले हमे अपने परिवार मे सामंजस स्थापित करें। आज सहनशीलता की कमी व ईगो की वजह से परिवार टूट रहे है। माता पिता के अनुभव का कोई फायदा नही उठाता है। घरो मे बुजुर्ग अकेले रह गये है। अतः हमे बच्चो व बडो को समय देकर परिवारो की एकता को सुदृढ करना चाहिए जिससे समाज और राष्ट्र स्वत ही मजबूत हो जायेगा। परिवार का समर्थन उनकी सफलता का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। वे आगे बढ़ने में तभी सक्षम हो पाईं क्योंकि उनके परिवार ने उन्हें समर्थन दिया।
 सही उम्र में शादी करना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने अपने बच्चों से बहुत कुछ सीखा और उन सीखों को अपने जीवन में लागू किया। जैसे कुछ समुदाय अपनी जनसंख्या बढ़ा रहे हैं, हमें भी पीछे नहीं रहना चाहिए। अगर हम हर क्षेत्र में सक्षम हैं, तो हमें भी कम से कम दो या अधिक बच्चे पैदा करने चाहिए।अपने जुनून को निरंतर करते रहने से सफलता जरूर मिलेगी।दूसरों के अनुभवों से सीखना भी आवश्यक है।
 

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