सूरत : कच्चे माल का नहीं मूल्य वर्धित वस्तुओं का निर्यात किया जाना चाहिए : डीजीएफटी वीरेंद्र सिंह
By Loktej
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स्वतंत्रता के ७५वें वर्ष का अमृत महोत्सव अंतर्गत चेम्बर ऑफ कोमर्स द्वारा आयोजित एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव के दौरान चैंबर ने एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट काउंसलिंग सेंटर शुरू करने की घोषणा की
भारत से 10 गुना ज्यादा हुआ चीन का एक्सपोर्ट, कोविड से बढ़ी कंटेनर की समस्या
एक्सपोर्टर्स कॉन्क्लेव के दौरान चैंबर ने एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट काउंसलिंग सेंटर शुरू करने की घोषणा की, जो एक्सपोर्ट-इंपोर्ट डेटा भी मुहैया कराएगा।
स्वतंत्रता दिवस अमृत महोत्सव भारत सरकार द्वारा देश की स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के हिस्से के रूप में मनाया जा रहा है। जिसके एक भाग के रूप में केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा 75 सप्ताह का कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसमें 20 से 26 सितंबर तक वाणिज्य सप्ताह आयोजित किया गया था। वाणिज्य सप्ताह के अंतर्गत आजादी का अमृत महोत्सव के रूप में सरसाना स्थित अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी और कन्वेंशन सेंटर के प्लेटिनम हॉल में रविवार को एक 'एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव' का आयोजन किया गया।
एक्सपोर्ट कॉन्क्लेव के मुख्य अतिथि के रुप में पधारे डीजीएफटी वीरेंद्र सिंह और उद्योग उपायुक्त एवं सूरत जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक एम.के. लदानी ने निर्यातकों को विभिन्न उत्पादों और सेवाओं के प्रचार-प्रसार के साथ-साथ सरकार द्वारा दिए जाने वाले प्रोत्साहनों पर महत्वपूर्ण मार्गदर्शन दिया। जिसमें उन्होने कहा कि चीन का निर्यात भारत की तुलना में 10 गुना अधिक है।
चैंबर के अध्यक्ष आशीष गुजराती ने सम्मेलन में उपस्थित सभी का स्वागत किया। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के बाद दुनिया भर में आपूर्ति श्रृंखला के विस्तार का अभियान शुरू हो गया है। अधिकांश देश अपने मूल्य वर्धित तैयार उत्पादों और मध्यवर्ती वस्तुओं के आयात के लिए चीन पर निर्भर थे, लेकिन कोरोना काल के दौरान जो स्थिति सामने आई उसने दुनिया की आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर दिया और दुनिया की अर्थव्यवस्था को बाधित कर दिया।
भारत ने 2020 में कुल 314 अरब बिलियन डॉलर का निर्यात किया। चीन का कुल निर्यात 3,000 बिलियन डॉलर का है। यानी चीन का निर्यात भारत से 10 गुना ज्यादा है। इसलिए जब दुनिया चीन के अलावा किसी अन्य देश में अपनी आपूर्ति श्रृंखला का विस्तार करने जा रही है, तो भारत को इस स्थिति का पूरा फायदा उठाने की संभावना है।
अब दुनिया के विकसित देश और उपभोग करने वाले देश अपने द्वारा उत्पादित वस्तुओं के लिए एक नई आपूर्ति श्रृंखला बनाना चाहते हैं और यह भारत के लिए एक बड़ा अवसर है। उन्होंने चैंबर द्वारा निर्यातकों की जागरूकता के लिए निर्यात-आयात परामर्श केंद्र शुरू करने की घोषणा की और कहा कि चैंबर द्वारा निर्यात-आयात डेटा भी प्रदान किया जाएगा।
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