सूरत : गत पांच वर्ष में दो लाख युवाओं को दी सरकारी नौकरीः मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी

सूरत : गत पांच वर्ष में दो लाख युवाओं को दी सरकारी नौकरीः मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी

मुख्यमंत्री विजयभाई रूपाणी सरकार के पांच वर्ष पुर्ण होने पर समग्र राज्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है इसी श्रृंखला में सूरत में रोजगार मेला आयोजित हुआ।

विजय रूपाणी ने सूरत में आयोजित रोजगार दिवस समारोह में युवाओं वितरित किए नियुक्ति पत्र,
 ‘अनुबंधम्’ पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन का भी डिजिटल माध्यम से शुभारंभ किया
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा युवाओं के लिए उठाए गए अनेक भविष्योन्मुखी कदमों, नीतियों और श्रेणीबद्ध रोजगार मेलों के आयोजन से पिछले पांच वर्ष में दो लाख सरकारी नौकरी दी है तथा पांच वर्ष में 2088 रोजगार मेले आयोजित कर 17 लाख युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं। राज्य सरकार के सुशासन के पांच वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर शुक्रवार को सूरत शहर में आयोजित राज्यस्तरीय रोजगार दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि युवाधन को जॉब सीकर नहीं बल्कि जॉब गिवर बनाने के सरकार के अभिनव दृष्टिकोण के कारण युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्दा के अवसर प्राप्त हो रहे हैं। 
सूरत के सरसाणा कन्वेंशन सेंटर के प्लेटेनिम हॉल में राज्य के श्रम एवं रोजगार विभाग की ओर से रोजगार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न संवर्ग की भर्तियों में उत्तीर्ण हुए राज्यभर के शिक्षा सहायकों, नर्सों एवं अन्य विभागों तथा बोर्ड-निगमों में नियुक्त तथा रोजगार मेलों में चयनित युवाओं सहित कुल 62 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए। मुख्यमंत्री ने नियोक्ताओं और प्रतिभाशाली रोजगार इच्छुक युवाओं को रोजगार के विशाल अवसर मुहैया कराने के लिए ‘अनुबंधम्’ पोर्टल और मोबाइल एप्लीकेशन का भी डिजिटल माध्यम से शुभारंभ किया। राज्य के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के आशय के साथ सभी जिलों और महानगर पालिका क्षेत्रों में 50 रोजगार मेलों सहित रोजगार के अवसरों से संबंधित विभिन्न कार्यक्रमों का उन्होंने सूरत से शुभारंभ कराया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘लर्निंग विद अर्निंग’ यानी कुछ सीखने के साथ-साथ आर्थिक उपार्जन करने के अभिनव दृष्टिकोण के साथ राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई मुख्यमंत्री अप्रेंटिस योजना के अंतर्गत पिछले दो वर्ष में 2.30 लाख से अधिक युवाओं को लाभ मिला है। देश के सर्वाधिक 24 फीसदी अप्रेंटिस गुजरात में हैं। अप्रेंटिस छात्रों को प्रतिमाह पढ़ाई के साथ राज्य सरकार से 5 हजार रुपए तक का वजीफा मिलने से उद्योगों पर आर्थिक बोझ भी नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में नौकरी हासिल करना काफी मुश्किल था और इस विकट परिस्थिति में अनेक लोगों को नौकरी गंवानी पड़ी थी। कोरोना वायरस के संक्रमण के कारण युवाओं के लिए एक विकट समस्या यह बन गई थी कि रोजगार किस माध्यम से प्राप्त करें। ऐसे हालात में राज्य सरकार की रोजगार की सकारात्मक नीति के कारण गुजरात राज्य रोजगार इच्छुक युवाओं के लिए आशा की किरण बना है। उन्होंने राज्य में अनेक युवाओं को सरकारी नौकरी में मिले अवसर का उल्लेख करते हुए कहा कि अतीत की सरकारों ने बरसों से सरकारी नौकरी में भर्ती पर लगाए गए प्रतिबंध को हमारी भाजपा की सरकार ने दूर कर युवा शक्ति को सरकारी सेवा से जुड़ने का अवसर दिया है और गुजरात लोक सेवा आयोग (जीपीएससी) की भर्ती प्रक्रिया को नियमित किया है। इसके अलावा, सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया में वर्तमान 10 फीसदी की प्रतीक्षा सूची का आकार बढ़ाकर 20 फीसदी किया गया है जिसके चलते प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को भी लोक सेवा से जुड़ने के ज्यादा अवसर मिले हैं। 
पांच वर्ष के सुशासन सेवा यज्ञ के फलदायी नतीजों का जिक्र करते हुए रूपाणी ने राज्यव्यापी रोजगार दिवस कार्यक्रम के तहत 60603 युवाओं को नियुक्ति पत्र देकर युवाओं के कौशल का सम्मान किया जिसमें 11503 सरकारी नौकरियां भी शामिल हैं। ‘जॉब गिवर’ के रूप में गुजरात की सराहनीय भूमिका का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों रोजगार की तलाश में आकर बसे 25 लाख श्रमिकों को गुजरात रोजी-रोटी मुहैया करा रहा है। ‘लैंड ऑफ अपॉर्चुनिटी’ यानी अवसरों की भूमि बने गुजरात राज्य में औद्योगिक और सेवा क्षेत्र का दायरा बड़े फलक पर विकसित हो रहा है जो राज्य के युवाधन को रोजगार देने का उम्दा प्लेटफार्म है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल फाइनेंसियल और आईटी हब के तौर पर विकसित हो रहे गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट सिटी) गांधीनगर और सूरत में निर्माणाधीन अत्याधुनिक डायमंड बूर्स इन दोनों ही प्रोजेक्ट में एक-एक लाख से अधिक रोजगार का सृजन होगा जिसका सीधा लाभ कुशल युवाओं को मिलेगा। उन्होंने आगे कहा कि युवाओं को आसानी से नौकरी और औद्योगिक इकाइयों को जरूरत के मुताबिक कुशल मानवबल उपलब्ध हो सके यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने नौकरी हासिल करने वाले युवाओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी। 
ऊर्जा मंत्री सौरभभाई पटेल ने कहा कि गुजरात पूरे भारत में सर्वाधिक रोजगार देने वाला राज्य रहा है, तब पिछले पांच वर्ष में प्रत्येक क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के कारण लोगों की जिंदगी में बदलाव के साथ सुख-शांति में बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे विकास दर बढ़ती है, रोजगार का भी सृजन होता है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ‘जो कहती है, वह करती है और वचन देती है उसे पूरा कर बताती है।’ सरकार की बेहतर नीतियों के परिणामस्वरूप बड़े उद्योग गुजरात में निवेश करते हैं जिससे रोजगार में वृद्धि होती है। राज्य में 30 लाख सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) इकाइयों के जरिए सवा करोड़ लोगों को रोजगार मिल रहा है। राज्य में ‘पहले प्रोडक्शन, फिर परमिशन’ की नीति के चलते कई गुना रोजगार उपलब्ध हो रहा है। पटेल ने कहा कि स्टार्टअप नीति के मामले में गुजरात पहले स्थान पर है। टूरिज्म पॉलिसी के कारण ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को रोजगार मिलने लगा है। अभी राज्य में आईटीआई में अध्ययनरत दो लाख छात्रों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की आईटीआई में आधुनिक मशीनरी उपलब्ध होने के कारण उम्मीदवार नई तकनीक से तालमेल बिठाकर बड़े उद्योगों में आसानी से नौकरी हासिल कर रहे हैं। 
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उद्योगपतियों को समय पर सब्डिसी देने और आवश्यक बुनियादी ढांचे के कारण कई गुना रोजगार पैदा हुआ है। कोरोना काल में लॉकडाउन के समय श्रमिकों की वतन वापसी के लिए जो ट्रेनें चलाई गई थीं, उसमें से 60 से 70 फीसदी ट्रेनें मात्र गुजरात से अन्य राज्यों में गई थीं। इससे प्रतीत होता है कि रोजगार देने के मामले में गुजरात नंबर वन है। शराब बंदी के कारण औद्योगिक क्षेत्रों में शांति और सलामती बनी रहती है जिसके कारण बड़े उद्योग गुजरात में निवेश कर रहे हैं। 
श्रम एवं रोजगार विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती अंजू शर्मा ने कहा कि रोजगार दिवस पर राज्य सरकार का लक्ष्य 50 हजार नियुक्ति पत्र देने का था, लेकिन आज 62 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी प्रदान कर युवाओं के सुनहरे भविष्य का द्वार खोला है। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा फरवरी, 2020 में जारी ‘एम्प्लॉयमेंट एक्सचेंजेस स्टेटिस्टिक्स-2018’ के अनुसार वर्ष 2017 में रोजगार कार्यालयों के मार्फत रोजगार प्रदान करने के मामले में गुजरात देशभर में अव्वल स्थान पर है। देश के सभी राज्यों की तुलना में गुजरात की बेरोजगारी दर सबसे कम यानी 2.2 फीसदी है। उद्योगों की कुशल कामगारों की मांग से निपटने के लिए मुख्यमंत्री अप्रेंटिस योजना के तहत 168879 अप्रेंटिसों की भर्ती की गई है। 
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