सूरत : कपड़ा पर 12 प्रतिशत जीएसटी का असर, एक साड़ी पर 67 रूपए का टेक्स अब 172 रूपए हुआ

सरकार के फैसले से उद्यमी खफा

केंद्र सरकार ने कपड़ा उद्योग पर जीएसटी का इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर हटाकर पूरे कपड़ा उद्योग पर एक समान 12 प्रतिशत जीएसटी 1 जनवरी 2022 से वसूलने का परिपत्र जारी करने की घोषणा की है। 2017 पूर्व एकमात्र यार्न वेट के कर के तहत शामिल किया गया था। जीएसटी लागू होने के बाद कपड़े पर 18-12-5-5 के फॉम्र्यूजा यानि यार्न बनाने रो-मटेरियल्स पर 18 प्रतिशत जीएसटी, यार्न पर 12 प्रतिशत, ग्रे फेब्रिक्स पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू किया गया है।
अब 18 को सरकार ने जारी किए परिपत्र के बाद 1 जनवरी 2022 से 18-12-12-12 फॉम्र्यूला यानि कि यार्न तैयार करने का रो-मटेरियल्स पर 18 प्रतिशत, यार्न पर 12 प्रतिशत, ग्रे और फिनिश्ड फेब्रिक्स दोनों पर भी 12-12 प्रतिशत जीएसटी वसूली जाएगी। इसके कारण वीविंग उद्योग को मिलने वाली आईटीसी क्रेडिट का रिफंड 650 करोड़ अब नहीं मिलेगा। इसके साथ 1200 करोड़ यानि कुल 1800 करोड़ का बोझ वीविंग उद्योग पर पड़ेगा। 
दूसरी ओर मार्केट में कपड़ा व्यापारी भी कपड़ा महंगा होने की बात कह रहे है। स्थानीय उद्योग अग्रणियों ने कहा कि सरकारी विभाग कपड़ा उद्योग की स्थिति वाकिफ होने के बावजूद उंचे जीएसटी स्लेब कपड़ा उद्योग पर थोप दिया है। उद्यमियों का कहना है एकमात्र कपड़ा उद्योग ऐसो है, जिसमें 100 रूपये के यार्न से 14 प्रोसेस बाद 1400 रूपये कीमत का कपड़ा तैयार होता है। सरकार 18-12-5-5 के फॉम्र्यूला से जीएसटी के तौरपर एक साड़ी पर से 67 रूपये कर हासिल करती थी। जबकि  18-12-12-12 के नए फॉम्र्यूला से लागू होगा तो 100 रूपये के यार्न से कपड़ा बनने की सभी प्रोसेस पर टेक्स बढ़ेगा। जिसके कारण फिनिश्ड फेब्रिक्स की कीमत 1500 रूपये तक पहुंच जाएगी। इसका बोझ ग्राहकों पर पड़ेगा।  सरकार को  एक कपड़े पर 67 की जगह अब 172  की आय मिलने का लुभावने आंकड़े विभाग को बताए है। 
उद्योगों को बने रहने में होगी मुश्किलें
चैंबर प्रमुख आशीष गुजराती ने बताया कि 12 प्रतिशत कपड़े पर उंचे दर से 14 अलग-अलग कपड़े की वेल्यू चेन से सरकार को मिलने वाले 67 रूपए टेक्स बढक़र 172 होने की बात गलत तरिके से सरकार समक्ष पेश हुई है। अगर कपड़े पर हाल के 5 प्रतिशत जीएसटी की जगह 6 प्रतिशत भी जीएसटी का दर हो जाएगा तो अंडर बीलिंग में काम शुरू हो जाएगा। 7 प्रतिशत ज्यादा जीएसटी से कपड़ा उद्योग पर हाल की स्थिति से दोगुना ज्यादा टेक्स का बोझ पड़ेगा
रिफंड की आय से वेल्यूएडिशन ही होता था
उद्यमी मयूर गोलवाला ने बताया कि कपड़ा पर एक समान जीएसटी करने के चक्कर में जीएसटी के दर 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिए है। इसके कारण वीविंग उद्योग को मिलने वाला 650 करोड़ का रिफंड अब मिलेगा नहीं। इस रिफंड से उद्योग में वेल्यूएडिशन  जैसे कि मशीनरी, कपड़ा इनोवेशन और फैक्ट्री एक्स्पान्सन ही हुआ है। इसके कारण इस प्रकार का वेल्यूएडिशन अब रूक जाएगा।
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