सूरत : घरेलू हिंसा पीड़िता पत्नी को मिलेगा 10,000 मासिक किराया और 15,000 मुआवजा अदालत का आदेश

पति और ससुराल वालों द्वारा मारपीट और प्रताड़ना के मामले में अदालत ने पीड़िता को सुरक्षा, स्त्रीधन की वापसी और किराए की राशि देने के निर्देश दिए

सूरत : घरेलू हिंसा पीड़िता पत्नी को मिलेगा 10,000 मासिक किराया और 15,000 मुआवजा अदालत का आदेश

सूरत। घरेलू हिंसा की शिकार एक विवाहिता को सूरत सिविल न्यायालय ने बड़ा राहत भरा फैसला सुनाया है। न्यायालय ने पति को आदेश दिया है कि वह पत्नी को प्रत्येक माह 10,000 मकान किराया और कोर्ट कार्रवाही का 15,000 मुआवजा अदा करे। इसके साथ ही अदालत ने पत्नी को सुरक्षा प्रदान करने, स्त्रीधन लौटाने और भविष्य में किसी भी प्रकार की हिंसा न करने के भी सख्त निर्देश दिए हैं।

इस मामले का विवरण इस प्रकार है। आवेदक पत्नी, अंजली राणा (बदला हुआ नाम) जो वर्तमान में उधना, सूरत में रहती हैं, उनका विवाह 21 जुलाई 2015 को अमरोली निवासी विजय राणा (बदला हुआ नाम) से हुआ था। विवाह के बाद वह ससुराल में संयुक्त परिवार के साथ रहने लगी थीं। पीड़िता ने अपने साथ मायके से लिए सोने-चांदी के गहने और घरेलू सामान भी ससुराल में लाकर रखा था। 

पीड़िता के अनुसार, शादी की पहली रात ही पति ने यह कहकर उसे धक्का देकर गिरा दिया कि उसने यह शादी मां के दबाव में की है और वह यह विवाह नहीं चाहता था। इसके बाद पति ने उसके साथ मारपीट की और सिर दीवार से टकरा दिया। धीरे-धीरे सास, ससुर और अन्य परिवारजनों ने भी मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।

पीड़िता का आरोप है कि ससुराल वालों ने उसे घरेलू नौकर की तरह काम कराया, कभी घर खर्च नहीं दिया, और अंततः मारपीट कर उसे रिक्शा से मायके भेज दिया। उसके सारे गहने और दहेज का सामान भी वापस नहीं किया गया। इतना ही नहीं, उसके घायल होने पर भी इलाज नहीं करवाया गया और घर से बाहर निकलने की मनाही थी।

इन सब घटनाओं के बाद पीड़िता ने अधिवक्ता प्रीति जिग्नेश जोशी के माध्यम से सूरत सिविल न्यायालय में याचिका दाखिल की। मामले की सुनवाई करते हुए माननीय न्यायाधीश वी.के. चरण ने पति और ससुराल वालों को कई सख्त आदेश दिए।

 याचिकाकर्ता को आवेदन की तारीख से बकाया किराए की राशि भी प्रदान की जाए।  पीड़िता को आवास के लिए 10,000 प्रति माह किराया दिया जाए, पीड़िता को 15,000 मुआवजा अदा किया जाए, पीड़िता का स्त्रीधन (गहने, घरेलू सामान) लौटाया जाए। ससुराल वालों को भविष्य में किसी प्रकार की घरेलू हिंसा से दूर रहने का आदेश। 

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