वडोदरा : भारतीय रेल ने लोको पायलटों की कार्य स्थितियों और सुरक्षा में लाया क्रांतिकारी सुधार
वातानुकूलित रनिंग रूम, अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीक और वार्षिक भर्ती कैलेंडर से रेलवे ने कर्मचारियों के कल्याण को दी नई दिशा
भारतीय रेल द्वारा लोको पायलटों के कार्य जीवन को सुरक्षित, आरामदायक और संतुलित बनाने के लिए पिछले एक दशक में अनेक ऐतिहासिक पहल की गई हैं। रेल मंत्रालय द्वारा लोको पायलटों की सेफ्टी, सुविधा और मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से कई संरचनात्मक और तकनीकी बदलाव किए गए हैं।
2014 से पहले रनिंग रूम और लोकोमोटिव कैब में एयर-कंडीशनिंग जैसी सुविधाओं की कमी थी, लेकिन 2024 तक सभी 558 रनिंग रूम पूरी तरह वातानुकूलित हो चुके हैं। इनमें आरओ पानी, योग और ध्यान कक्ष, वाचनालय, रियायती भोजन, और आरामदायक विश्राम की सुविधाएं शामिल हैं। अब तक 7075 लोको कैब्स को एयर-कंडीशनिंग और एर्गोनोमिक सीटिंग के साथ उन्नत किया गया है, जिससे कार्य के दौरान थकान में कमी आई है।
रेलवे द्वारा नए इंजनों में शौचालयों को मानक सुविधा के रूप में शामिल किया गया है। अब 1170 इंजनों में शौचालय उपलब्ध हैं, जबकि पुराने इंजनों को भी अपडेट किया जा रहा है। व्यस्त मार्गों पर नए रनिंग रूम बनाए जा रहे हैं, जिससे कर्मचारियों की ड्यूटी का समय संतुलित हुआ है।
सेफ्टी को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए रेलवे ने ‘कवच’ प्रणाली, फॉग सेफ्टी डिवाइसेस, ड्राइवर अलर्ट सिस्टम, विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस, और सिम्युलेटर-आधारित प्रशिक्षण को लागू किया है। 21,000 से अधिक फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाए गए हैं, जिससे कठिन मौसम में भी सुरक्षित संचालन सुनिश्चित होता है।
कोविड-19 के पश्चात रेलवे ने दो विशाल कंप्यूटर-आधारित परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित कीं, जिनमें 2.37 करोड़ उम्मीदवारों ने भाग लिया। इससे 1.30 लाख पदों पर नियुक्तियां हुईं, जिनमें 51,856 लोको पायलट शामिल हैं। अब से एक वार्षिक भर्ती कैलेंडर भी लागू किया गया है, जिससे नियुक्ति प्रक्रिया तेज़ और पारदर्शी बनी है।
लोको पायलटों के ड्यूटी घंटों को नियमित करते हुए औसत कार्यकाल 14 दिनों में 52 घंटे निर्धारित किया गया है। कर्मचारियों के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए परामर्श सत्रों और परिवार उन्मुख कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जा रहा है।
पश्चिम रेलवे ने अपने सभी रनिंग रूम को वातानुकूलित बनाया है और वहाँ एफएसएसएआई प्रमाणित रियायती कैंटीन, रनिंग रूम में शाकाहारी और मांसाहारी भोजन के लिए अलग-अलग रसोई, योग व ध्यान कक्ष, जूता पॉलिश स्टेशन, सीसीटीवी निगरानी, महिला कर्मचारियों के लिए समर्पित कक्ष, तथा मनोरंजन हेतु पुस्तकालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई हैं। बांद्रा टर्मिनस रनिंग रूम जैसे केंद्रों को बेहतरीन प्रबंधन के लिए सम्मानित भी किया गया है।
इन सभी पहलों से स्पष्ट होता है कि भारतीय रेल अपने कर्मचारियों के कल्याण, सुरक्षा और संतुलनपूर्ण जीवनशैली को लेकर प्रतिबद्ध है। यह न केवल रेलवे कर्मचारियों के जीवन को बेहतर बना रहा है, बल्कि रेलवे प्रणाली की दक्षता और विश्वसनीयता को भी मजबूत कर रहा है।