राजकोट : राजकोट में नागालैंड हथियार लाइसेंस रैकेट का खुलासा, एक गिरफ्तार
फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ऑल इंडिया शस्त्र लाइसेंस लेने का मामला, लाइसेंस नवीनीकरण न कराने पर क्राइम ब्रांच की कार्रवाई
फर्जी दस्तावेजों के सहारे नागालैंड से हथियार का ऑल इंडिया लाइसेंस हासिल करने और बाद में उसका नवीनीकरण न कराने के मामले में राजकोट के एक उद्योगपति प्रवीण प्रतापभाई छैया (उम्र 41) को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी के पास से क्राइम ब्रांच ने एक 0.32 बोर अर्ध-स्वचालित पिस्तौल, 24 जिंदा कारतूस और दो मैगजीन जब्त की हैं।
राजकोट क्राइम ब्रांच को सूचना मिली थी कि प्रवीणभाई के पास लाइसेंसी हथियार है लेकिन उसका लाइसेंस अब तक नवीनीकृत नहीं हुआ है। जांच के दौरान प्रवीणभाई ने स्वयं अपना शस्त्र प्रस्तुत किया और बताया कि उन्होंने नागालैंड से ऑल इंडिया शस्त्र लाइसेंस प्राप्त किया था, जिसकी मियाद 31 दिसंबर 2022 को समाप्त हो चुकी थी। इस पर क्राइम ब्रांच ने शस्त्र अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। मामले की आगे की जांच एसओजी को सौंपी गई है।
प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि प्रवीणभाई एक फैक्ट्री के मालिक हैं। 2017 में अमरनाथ यात्रा के दौरान उनकी मुलाकात हरियाणा के सोनीपत निवासी अंगराज नामक एक व्यक्ति से हुई थी, जो पिस्तौल लेकर घूमता था। बातचीत में अंगराज ने हथियार लाइसेंस बनवाने में मदद करने की बात कही।
कुछ समय बाद अंगराज ने राजकोट आकर प्रवीण से जरूरी दस्तावेज लिए और उनकी मदद से नागालैंड से ऑल इंडिया लाइसेंस बनवाया। इसके बाद प्रवीण को कोलकाता बुलाकर एक पिस्तौल और कारतूस दिलवाए गए। पिस्टल खरीदने और लाइसेंस बनवाने के लिए प्रवीण ने कुल 2 लाख रुपये खर्च किए थे, एक लाख रुपये लाइसेंस के लिए और एक लाख रुपये हथियार के लिए।
यह मामला फर्जी दस्तावेजों पर नागालैंड व मिजोरम से हथियार लाइसेंस प्राप्त करने के राज्यव्यापी घोटाले से जुड़ा माना जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे SOG को सौंपा गया है, जो इस रैकेट के पीछे के नेटवर्क की गहराई से जांच करेगी। इस घटना ने हथियार लाइसेंस प्रक्रिया में फैले भ्रष्टाचार और ढीले निगरानी तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिसे लेकर राज्य पुलिस सतर्क हो गई है।