वडोदरा : नर्मदा परिक्रमा में उमड़े श्रद्धालु, अव्यवस्था से जूझे, नावों की कमी और लंबी प्रतीक्षा से नाराज श्रद्धालुओं ने जताया आक्रोश  

वडोदरा : नर्मदा परिक्रमा में उमड़े श्रद्धालु, अव्यवस्था से जूझे, नावों की कमी और लंबी प्रतीक्षा से नाराज श्रद्धालुओं ने जताया आक्रोश  

तीन लाख श्रद्धालुओं की भीड़, सिर्फ 60 नावों से परिक्रमा मार्ग पर फंसे भक्त; प्रशासन ने एसओयू की मिनी बसों से भीड़ को किया नियंत्रित

नर्मदा जिले के तिलकवाड़ा और नांदोद के रामपुरा गांव में रविवार को उत्तरवाहिनी नर्मदा परिक्रमा के लिए उमड़े करीब तीन लाख श्रद्धालुओं को व्यवस्था की भारी खामियों का सामना करना पड़ा। रेंगन घाट से किडिमकोडि घाट तक नदी पार करने के लिए मात्र 60 नावों की उपलब्धता के कारण प्रतीक्षा का समय घंटों में बदल गया। गर्मी से राहत के लिए रात में परिक्रमा करने निकले श्रद्धालुओं को सबसे अधिक परेशानी हुई।

श्रद्धालुओं की यह भारी भीड़ गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों से आई थी। परिक्रमा मार्ग पर रात 12 बजे से सुबह 6 बजे के बीच सबसे अधिक दबाव देखा गया। रेंगन घाट से किडिमकोडि घाट तक नदी पार करने के लिए सीमित नावें और जेटियों की संख्या के कारण भारी अव्यवस्था फैल गई।

घंटों इंतजार के बाद भी नाव की बारी न आने से नाराज श्रद्धालुओं ने रेंगन घाट पर लगे बैनर फाड़ दिए और गेट के पास विरोध जताया। भीड़ भरे वातावरण में कुछ लोग जूते तक छोड़कर लौटने पर मजबूर हुए, जबकि कई की आंखों में निराशा के आंसू थे क्योंकि उन्हें अपनी परिक्रमा अधूरी छोड़नी पड़ी।

परिक्रमा के दौरान श्रद्धालु स्थानीय आश्रमों में रुके, लेकिन कुछ स्थानों पर किराया वसूले जाने की भी शिकायतें सामने आईं। कई श्रद्धालु स्थानीय लोगों की मदद से दोपहिया वाहनों पर सवार होकर मुख्य सड़क तक पहुंचे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (एसओयू) की 13 मिनी बसों को बुलाकर रेंगन घाट से श्रद्धालुओं को भादरवा गांव तक पहुंचाया। मार्ग में परिवर्तन कर भीड़ को कम करने की कोशिश की गई, लेकिन अव्यवस्था के कारण कई श्रद्धालु असंतुष्ट नजर आए।

श्रद्धालुओं की मांग है कि आने वाले वर्षों में परिक्रमा की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, नावों की संख्या बढ़ाई जाए और स्थायी समाधान सुनिश्चित किया जाए, ताकि आस्था का यह पर्व अव्यवस्था की भेंट न चढ़े।

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