सूरत : के.पी. संघवी डायमंड कंपनी और व्यापारियों के बीच विवाद गहराया, धरने पर बैठे व्यापारी और उनकी पत्नियां
विधायक कुमार कानानी ने जताई संवेदना, कहा कंपनी को मानवीय दृष्टिकोण अपनाना चाहिए
सूरत। वराछा क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठित के.पी. संघवी डायमंड कंपनी और स्थानीय व्यापारियों के बीच पैसों के लेन-देन को लेकर चल रहा विवाद अब सड़क पर आ गया है। शनिवार को व्यापारियों और उनकी पत्नियों ने कंपनी के मुख्य गेट के सामने धरना प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने मानवता के आधार पर न्याय की मांग की।
हीरा उद्योग से जुडे दिनेशभाई नावडीया ने कहा कि यह विवाद उन चेक रिटर्न मामलों को लेकर सामने आया है, जो व्यापारियों द्वारा पूर्व में कंपनी को सुरक्षा के रूप में दिए गए थे, लेकिन अब बैंक में जमा करने पर बाउंस हो गए। आरोप है कि कंपनी ने इन चेकों के आधार पर व्यापारियों और उनकी पत्नियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है, जिससे व्यापारियों में गहरा रोष व्याप्त है।
व्यवसायी अल्पेशभाई ने बताया कि, “हमने एसोसिएशन की मौजूदगी में जितना संभव हो सका, उतना भुगतान कर दिया था। इसके बाद कोई ट्रांजैक्शन नहीं बचा था। लेकिन अब कंपनी ने सिक्योरिटी चेक को बैंक में जमा करवा कर हमारे खिलाफ केस दर्ज कर दिए हैं। हमारी आर्थिक स्थिति पहले से ही खराब है, अब ये मुकदमे और तनाव दे रहे हैं।”
धरने की जानकारी मिलते ही वराछा रोड के विधायक कुमार कानानी मौके पर पहुंचे और व्यापारियों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने कहा “छह साल पहले हुए नुकसान के बाद व्यापारियों ने जो संपत्ति थी, वो सौंपकर 50% तक भुगतान किया था। सूरत के डायमंड उद्योग में अक्सर ऐसे समझौते होते हैं, जिसमें जो भी भुगतान संभव हो, उसे अंतिम मान लिया जाता है। फिर भी कंपनी ने अब 12 व्यापारियों और उनकी पत्नियों पर केस दर्ज करा दिए हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।”
विधायक ने आगे कहा, “व्यापारी परिवारों के साथ धरने पर बैठे हैं, यह उनकी मानसिक पीड़ा का संकेत है। कोई भी अपनी जान देकर भुगतान नहीं कर सकता। कंपनी को चाहिए कि वो मानवीय आधार पर सहानुभूति पूर्वक विचार करे और आपसी सहमति से विवाद का हल निकाले।”
वर्तमान में यह मामला सूरत के हीरा उद्योग में चर्चा का प्रमुख विषय बन गया है। सभी की निगाहें अब कंपनी और प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।