सूरत : सूरत सहित दक्षिण गुजरात के वस्त्र उद्योग की अमेरिका में बढ़ती मौजूदगी
प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष निर्यात के जरिए अमेरिका में मजबूत हो रही वस्त्र कारोबार की पकड़
सूरत और दक्षिण गुजरात से अमेरिका को वस्त्रों के प्रत्यक्ष निर्यात के हालिया सटीक आंकड़े फिलहाल उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन पूर्व के व्यापारिक रुझानों और घटनाओं से इस क्षेत्र की अमेरिका में बढ़ती उपस्थिति का स्पष्ट संकेत मिलता है।
प्रतिष्ठित उद्योगपति एवं कपड़ा कारोबारी गिरधर गोपाल मूंदड़ा ने बताया कि 2013 के आंकड़ों के अनुसार, सूरत से पाकिस्तान, पश्चिम एशिया और अमेरिका सहित विभिन्न देशों को करीब 1,100 करोड़ रुपये मूल्य के गैर-परिधान वस्त्रों का निर्यात किया गया था। हालांकि, इस दौरान अमेरिका का योगदान अपेक्षाकृत कम रहा था। वर्ष 2022 में दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (SGCCI) ने अमेरिका के तीन प्रमुख शहरों अटलांटा, न्यू जर्सी और लॉस एंजिल्स में ग्लोबल टेक्सटाइल ट्रेड फेयर (GTTF) का आयोजन किया था।
उन्होंने कहा कि इस व्यापार मेले में गुजरात के 50 से अधिक वस्त्र व्यापारियों ने भाग लिया था और घरेलू कीमतों से लगभग तीन गुना दर पर अपने उत्पाद अमेरिका में बेचे थे। इस आयोजन से 80 से 120 करोड़ रुपये (लगभग 10–15 मिलियन डॉलर) के ऑर्डर मिलने की उम्मीद जताई गई थी। यह सूरत के वस्त्र उद्योग के लिए एक बड़ा अवसर साबित हुआ।
उन्होंने कहा कि अमेरिका को केवल प्रत्यक्ष निर्यात ही नहीं होता, बल्कि अप्रत्यक्ष (Indirect) रूप से भी भारी मात्रा में वस्त्रों का व्यापार किया जाता है। सूरत से ऑल इंडिया के व्यापारी रॉ मटेरियल या फिनिश प्रोडक्ट खरीदकर अमेरिका को निर्यात करते हैं। व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, इस अप्रत्यक्ष निर्यात की मात्रा प्रत्यक्ष निर्यात से तीन गुना अधिक है।
उन्होंने कहा कि सूरत एपेरल पार्क सेज से आरएमजी एवं अन्य टेक्सटाइल मटीरियल 0.19 यूएस मिलियन डॉलर, आरएमजी मेनमेड फाइबर 0.16 यूएस डॉलर, आरएमजी कॉटन एसेसरीज 0.02 यूएस मिलियन डॉलर तथा हजीरा पोर्ट से मेनमेड स्टेपल फाइबर 31.58 यूएस मिलियन डॉलर, मेनमेड यार्न, फैब्रिक्स मेडयूपीएस 24.10 यूएस डॉलर सहित कुल 56.05 यूएस मिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट होता है।
इन घटनाओं और आँकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि सूरत और दक्षिण गुजरात का वस्त्र उद्योग अमेरिका जैसे बड़े और प्रतिस्पर्धी बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। अमेरिका में भारतीय वस्त्रों की बढ़ती मांग और मेक-इन-इंडिया पहल से स्थानीय उद्योग को वैश्विक विस्तार का अवसर मिल रहा है। सूरत का वस्त्र उद्योग धीरे-धीरे अमेरिका के बाजार में अपने पांव जमा रहा है और आने वाले वर्षों में इससे जुड़ा निर्यात और भी अधिक व्यापक रूप ले सकता है।