अमेरिकी टैरिफ से भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर को मिलेगी नई उड़ान, लेकिन चुनौतियां बरकरार
नई दिल्ली, 6 अप्रैल 2025: सिस्टमैटिक्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर को अमेरिकी आयात पर लगाए गए टैरिफ से बड़ा फायदा होने की संभावना है। इस टैरिफ के चलते भारत को चीन और वियतनाम जैसे देशों पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त मिल रही है। रिपोर्ट में बताया गया कि 2023-24 में भारत का अमेरिका को टेक्सटाइल निर्यात 10.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो इस सेक्टर के लिए एक सकारात्मक संकेत है।
हालांकि, इस सेक्टर को कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। उच्च उत्पादन लागत और आयातित कच्चे माल पर निर्भरता भारतीय टेक्सटाइल उद्योग के लिए बड़ी बाधाएं हैं। इसके अलावा, वैश्विक मांग में उतार-चढ़ाव भी इस सेक्टर को प्रभावित कर रहा है। सिस्टमैटिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तरी अमेरिका के 60-80% खरीदारों का मानना है कि 27% टैरिफ से उनकी लागत में मध्यम वृद्धि होगी, जिसका असर भारतीय निर्यात पर पड़ सकता है।
इन चुनौतियों से निपटने के लिए भारत सरकार ने कई कदम उठाए हैं। पीएम मित्र पार्क योजना इसका एक प्रमुख उदाहरण है, जिसमें 4,445 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर को वैश्विक बाजार में मजबूत करना और इसकी हिस्सेदारी बढ़ाना है। यह योजना न केवल उत्पादन को बढ़ावा देगी, बल्कि रोजगार सृजन और टिकाऊ प्रथाओं को भी प्रोत्साहित करेगी।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि भारतीय टेक्सटाइल उद्योग को अपनी नवाचार क्षमता और बदलते उपभोक्ता रुझानों के अनुकूल ढलने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि भारत इन चुनौतियों का सामना कर पाता है, तो वह वैश्विक टेक्सटाइल बाजार में अपनी स्थिति को और मजबूत कर सकता है।
हालांकि, वैश्विक मांग में अनिश्चितता और टैरिफ के प्रभाव को देखते हुए उद्योग को सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार और उद्योग को मिलकर रणनीतिक कदम उठाने होंगे ताकि भारतीय टेक्सटाइल सेक्टर इस अवसर का पूरा लाभ उठा सके और वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बनाए रखे।