सूरत : वघासिया परिवार ने ब्रेन डेड सदस्य के लीवर और आंखें दान कर तीन लोगों को नया जीवन दिया

“जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन, सूरत” द्वारा 21वां सफल अंगदान

सूरत : वघासिया परिवार ने ब्रेन डेड सदस्य के लीवर और आंखें दान कर तीन लोगों को नया जीवन दिया

सूरत : सरथाणा जकातनाका श्रीनाथ द्वारा अपार्टमेंट निवासी 58 वर्षीय ब्रेनडेड रसीलाबेन धीरूभाई वघासिया के परिजनों ने अंगदान से तीन लोगों को जीवनदान दिया।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 18 मार्च 2025 की सुबह 9:30 बजे रसीलाबेन को अचानक सीने में दर्द हुआ। परिवार उन्हें तुरंत कापोद्रा पी.पी. मणिया अस्पताल लेकर गया, जहां डॉ. संकेत ठक्कर के इलाज में उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया। सीटी स्कैन में ब्रेन ब्लॉकेज का पता चला, जिसके चलते 19 मार्च को ऑपरेशन किया गया। 20 मार्च को ब्रेन डेड घोषित करने के बाद, जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन से संपर्क किया गया।

जीवनदीप अंगदान फाउंडेशन द्वारा वघासिया परिवार को अंगदान क्यों किया जाना चाहिए और इसका विशेष महत्व क्या है इसकी समज दी गई । रसीलाबेन के पति धीरूभाई और उनके बेटे विजयभाई व कल्पेशभाई ने समझदारी दिखाते हुए अंगदान के लिए तत्काल सहमति दी। परिवार के युवाओं और बुजुर्गों ने भी इस पुण्य कार्य में साथ दिया।

अहमदाबाद के आईकेडीआरसी अस्पताल को लीवर दान किया गया। लोकदृष्टि आई बैंक, सूरत के डॉ. प्रफुल शिरोया ने दोनों आंखें स्वीकार कीं। सूरत से अहमदाबाद तक ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सुरक्षित ट्रांसप्लांट सुनिश्चित किया गया।

अब तक 21 सफल अंगदान कर चुका है जीवनदीप ऑर्गन डोनेशन फाउंडेशन, सूरत।  इस प्रयास में डॉ. संकेत ठक्कर, महेश रादडिया, पी.एम. गोंडालिया, विपुल तलाविया और डॉ. नीलेश कछाड़िया की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

वघासिया परिवार का यह निस्वार्थ निर्णय समाज के लिए प्रेरणा है। अंगदान से नई जिंदगी देने का यह अभियान निरंतर जारी रहना चाहिए। 

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