सूरत : एसजीसीसीआई ने औद्योगिक विकास को गति देने के लिए मुख्यमंत्री से की अहम मांग
व्यापार में सुगमता और नीतिगत सुधारों पर दिया विस्तृत प्रस्तुतिकरण
सूरत : दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) के अध्यक्ष विजय मेवावाला, उपाध्यक्ष निखिल मद्रासी, तत्कालीन अध्यक्ष रमेश वघासिया और मानद मंत्री नीरव मंडलेवाला ने शुक्रवार को गांधीनगर में गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल से मुलाकात की।
इस दौरान व्यापार में सुगमता और औद्योगिक क्षेत्र को और अधिक प्रगतिशील बनाने को लेकर एक विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया गया। एसजीसीसीआई ने उद्योगों के सामने आ रही चुनौतियों को दूर करने और अधिक निवेश आकर्षित करने के लिए कुछ अहम नीतिगत सुधारों की मांग रखी।
एसजीसीसीआई ने मांग की कि 31 अगस्त 2024 के बाद स्थापित होने वाली ग्रीन एनर्जी परियोजनाओं की बिजली बिक्री पर लगे 40% प्रतिबंध को हटाया जाए। इसके अलावा, समूह कैप्टिव दर्जा देकर इन परियोजनाओं को रेलीन क्विसमेंट चार्ज से छूट दी जाए।
एसजीसीसीआई ने जीपीसीबी (गुजरात पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) द्वारा 2022 में निर्धारित नियमों में संशोधन की मांग की। नए केंद्रीय दिशा-निर्देशों के अनुसार, नारंगी श्रेणी की बिना उत्सर्जन वाली इकाइयों के लिए नदी या नाले से दूरी 30 मीटर तथा उत्सर्जन वाली इकाइयों के लिए 75 मीटर की गई है। एसजीसीसीआई ने राज्य सरकार से अनुरोध किया कि इसी नियम को गुजरात में भी लागू किया जाए, ताकि अधिक औद्योगिक इकाइयों को मंजूरी मिल सके।
वर्तमान में, भले ही कोई इकाई सीईटीपी (सामूहिक अपशिष्ट शोधन संयंत्र) की सदस्य हो, लेकिन स्थल निर्धारण के मानदंड उसके व्यक्तिगत वर्गीकरण पर आधारित होते हैं, जिससे औद्योगिक भूमि का सही उपयोग नहीं हो पाता। एसजीसीसीआई ने मांग की कि इन इकाइयों को भूमि उपयोग में अधिक लचीलापन दिया जाए।
उद्योगों के लिए जीआईडीसी स्थानांतरण शुल्क वर्तमान में 2% से 20% तक है, जिससे उद्योगों पर भारी वित्तीय बोझ पड़ता है। एसजीसीसीआई ने सुझाव दिया कि अन्य संपत्तियों की तरह ही औद्योगिक स्थानांतरण शुल्क पर भी अधिकतम सीमा निर्धारित की जाए, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिल सके।
वर्तमान में जीआईडीसी के बाहर औद्योगिक निर्माण के लिए केवल 1.0 एफएसआई उपलब्ध है, जबकि जीआईडीसी के अंदर 1.6 एफएसआई की अनुमति है। एसजीसीसीआई ने यह सीमा 3.0 करने का प्रस्ताव रखा, जिससे भूमि की उपलब्धता का अधिकतम उपयोग किया जा सके।
एसजीसीसीआई प्रतिनिधिमंडल द्वारा रखे गए सभी प्रस्तावों को मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने ध्यानपूर्वक सुना। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार व्यापार और उद्योग से जुड़े इन अहम मुद्दों का जल्द से जल्द समाधान निकालेगी। यह बैठक उद्योगों की समस्याओं के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।