सूरत : हीरा उद्योग की स्थिति को लेकर प्रशासन हरकत में, श्रम आयुक्त हीरा संघों के साथ बैठक करेंगे
19 मार्च को श्रम आयुक्त हीरा एसोसिएशन और श्रमिक संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे
सूरत। सूरत शहर के हीरा उद्योग में पिछले दो साल से चल रही मंदी को लेकर अब सरकारी तंत्र भी हरकत में आ रहा है। वैश्विक मंदी ने हीरा उद्योग में काम करने वाले रत्नकलाकारों (हीरा श्रमिकों) की आर्थिक स्थिति कमजोर कर दी है। प्रशासनिक तंत्र भी अब पिछले डेढ़ से दो साल में रत्नकलाकारों द्वारा की गई आत्महत्याओं के मामलों को लेकर पूरी स्थिति को समझने की कोशिश कर रहा है।
सूरत शहर में हीरा उद्योग बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। अभी तक श्रम आयुक्त ने फैक्ट्री में काम करने वाले रत्नकलाकारों की स्थिति को लेकर कोई गंभीर कार्रवाई नहीं की है। लेकिन आखिरकार राज्य सरकार ने रत्नकलाकारों की स्थिति को गंभीरता से लिया और हाल ही में जिला कलेक्टर द्वारा एक बैठक आयोजित की गई।
अब जानकारी मिली है कि 19 तारीख को शाम 5 बजे श्रम आयुक्त कार्यालय में बैठक रखी गई है। जिसमें वे डायमंड एसोसिएशन के पदाधिकारियों, डायमंड वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारियों व अन्य नेताओं से मिलकर मौजूदा स्थिति की जानकारी लेंगे।
सूरत और राज्य भर से आए रत्न विशेषज्ञों और कई एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष हीरा उद्योग की स्थिति प्रस्तुत की। इसके बाद मुख्यमंत्री ने जिला कलेक्टर को प्रत्येक शहर में हीरा उद्योग की स्थिति के बारे में जानकारी एकत्र करने के निर्देश दिए। इसके तहत सूरत कलेक्टर द्वारा हीरा उद्योग से संबंधित बैठक आयोजित की गई। इसके बाद अब श्रम आयुक्त ने हीरा उद्योग में ज्वैलर्स की स्थिति को लेकर बैठक बुलाई है।
राज्य सरकार द्वारा गठित समिति में श्रम आयुक्त द्वारा भी एक रिपोर्ट तैयार की जा सकती है। जिसमें कलाकारों की वर्तमान स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की जा सकेगी।
19 तारीख को होने वाली बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी। हीरा उद्योग को लेकर जिस तरह से राज्य सरकार सक्रिय हुई है, उसे देखते हुए रत्न कलाकारों को उम्मीद है कि हीरा उद्योग में काम करने वाले रत्न कलाकारों के लिए जल्द ही एक अच्छी योजना की घोषणा की जाएगी।