राजकोट : राजकोट में एक और शराफी मंडली उठी, 11 करोड़ रुपये से अधिक की धोखाधड़ी
राजकोट तालुका पुलिस में शिकायत दर्ज, आरोपी गिरफ्तार
राजकोट में एक और शराफी मण्डली (साहूकारी समूह) के उठने की घटना सामने आई है। जिसमें लगभग 60 निवेशकों के रु. 11 करोड़ से अधिक की पूंजी फंसी हुई है। जिसके कारण निवेशक पशोपेश में है। राजकोट तालुका पुलिस में शिकायत दर्ज करने के बाद पुलिस ने मंडली के अध्यक्ष अल्पेश गोपालदास दोंगा को गिरफ्तार कर सोमवार तक रिमांड पर लिया है।
आशापुरा रोड पर रहने वाले रश्मिनभाई चुन्नीलाल परमार (उम्र 57) की आशापुरा मेन रोड पर रंगून क्लॉथ स्टोर नामक कपड़े की दुकान है। उन्होंने पुलिस को बताया कि करीब आठ साल पहले जब वह स्वामीनारायण सत्संगी मनसुखभाई गोरसंदिया से सत्संग में अक्सर मिलते थे। उन्होंने ही आरोपी और उसकी श्री मनी प्लस शराफी कोऑपरेटिव सोसाइटी के बारे में बात की थी।
परिणामस्वरूप, मनसुखभाई और मैं आरोपी के कार्यालय गए। उस समय आरोपी ने कहा कि यदि आप मेरी सहकारी समिति में एफडी कराएंगे तो आपको 12 प्रतिशत वार्षिक रिटर्न मिलेगा। आपकी पूंजी 6 साल में वापस मिल जाएगी। अगर आप अपनी निवेशित FD को जल्दी निकालना चाहते हैं तो आप हमें एक महीने पहले सूचित कर सकते हैं और आपको आपकी रकम वापस मिल जाएगी। इसलिए, आरोपी की बातों पर भरोसा करते हुए, उसने अपने भाई की मृत्यु के बाद मिली बीमा राशि को अपनी विधवा भाभी किशोरीबेन विनोदभाई परमार के साथ निवेश करने का फैसला किया। ताकि भाभी का घर खर्च चल सके और उनका पैसा सुरक्षित रहे। उन्होंने 2018 में अपनी भाभी के नाम पर मैंने 14 लाख रुपए की एफडी कराई थी। बदले में यह राशि हर महीने 1 प्रतिशत ब्याज के रूप में प्राप्त हुई। पांच वर्षों तक नियमित रिटर्न प्राप्त हुआ।
इस दौरान आरोपी विभिन्न स्थानों पर अपना प्रचार कर रहा था। जिसके चलते यह मामला उनके रिश्तेदारों और मित्रों में भी चर्चा में रहा। जब वह आरोपी से मिलता था तो वह ऐसे प्रलोभन देता था कि आप अपने रिश्तेदारों व मित्रों से भी हमारे ग्रुप में निवेश करने की बात करो। जरूरत पड़ने पर बैंक से लोन लेकर भी मेरे ग्रुप में निवेश करोगे तो भी लाभ होगा। आरोपी की बातों में आकर उसने अपने मकान पर बैंक से 40 लाख रुपए का ऋण लिया और 2021 में इसका निवेश किया। जिसमें उन्हें 1 प्रतिशत का रिटर्न मिला। दिसंबर 2023 तक नियमित रूप से आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में मुआवजा जमा किया जाता रहा। उसके बाद न तो कोई मुआवजा मिला और न ही मूल राशि वापस की गई।
इस दौरान उनकी पत्नी बीनाबेन के नाम पर 3 लाख रुपए की एफडी भी कराई। जिसके एवज उन्हें अक्टूबर 2023 तक का मुआवजा भी मिला। इसी तरह, उनके रिश्तेदारों, दोस्तों और परिचितों ने भी निवेश किया था। इन सभी को अक्टूबर 2023 के बाद मुआवजा मिलना भी बंद हो जाएगा। कुल लगभग 60 लोगों के पास रु. 11 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की गई।
आरोपी पर पहले भी एक किसान के साथ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज
मामले की जांच करने वाले पीआई हरीपरा ने कहा कि किसानों के साथ धोखाधड़ी और सूदखोरी के संबंध में आरोपी अल्पेश दोंगा के खिलाफ राजकोट तालुका पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की गई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जेतपुर में मंडली के एक एजेंट ने निवेशकों की जबरन वसूली से तंग आकर आत्महत्या कर ली।