राजकोट : ससुर का फर्जी इस्तीफा जारी कर पूर्व दामाद ने कंपनी से मंजूर करवा लिया

माणावदर के एक बुजुर्ग व्यापारी ने अपने पूर्व दामाद समेत दो लोगों के खिलाफ विश्वासघात की शिकायत दर्ज कराई 

राजकोट : ससुर का फर्जी इस्तीफा जारी कर पूर्व दामाद ने कंपनी से मंजूर करवा लिया

 माणावदर में रहने वाले एक बुजुर्ग व्यवसायी ने धोराजी में रहने वाले अपने पूर्व दामाद और राजकोट के मवड़ी कनकोट रोड पर रहने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ धोखाधड़ी और विश्वासघात की शिकायत दर्ज कराई है। वृद्ध व्यक्ति ने अपने पूर्व दामाद सहित दो लोगों के साथ साझेदारी में राजकोट में एक कंपनी शुरू की थी। बाद में बैंक ने कर्ज वसूलने के लिए कंपनी की संपत्ति बेच दी। दामाद और एक अन्य आरोपी ने बाकी बढ़ी हुई रकम के लिए बुजुर्ग के जाली हस्ताक्षर से त्यागपत्र तैयार किया और दामाद ने कंपनी के निदेशक के रूप में उनका त्यागपत्र स्वीकार कर लिया। इस प्रकार कंपनी के बैंक खाते से 85.89 लाख रुपये हड़पने का प्रयास किये होने की शिकायत गोंडल बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है।  

धोखाधड़ी और विश्वासघात की इस घटना के विवरण के अनुसार, माणावदर में आनंद पार्क बस स्टैंड के पीछे एसबीआई कॉलोनी में रहने वाले पोपटलाल रणछोड़भाई पटेल (आयु 71) नामक एक बुजुर्ग व्यक्ति ने गोंडल बी डिवीजन पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत में अपने पूर्व दामाद अरविंद नरसीभाई सोजित्रा (निवासी-चिश्तिया मुस्लिम कॉलोनी, स्टेशन प्लॉट, धोराजी के पीछे) और बिपिन मोहनभाई मावाणी (निवासी-क्रिस्टल हेवन, मवडी-कनकोट रोड, राजकोट) को आरोपी बनाया है। बुजुर्ग ने शिकायत में बताया कि वह माणावदर के मिताडी रोड पर कुलदीप जिनिंग का मालिक है तथा कपास खरीदने-बेचने का व्यवसाय करता है। उसके एक बेटा व एक बेटी है। उनकी बेटी जूली की शादी 4-5-2001 को आरोपी अरविंद सोजित्रा से हुई थी और बाद में 3-8-2020 को उनका तलाक हो गया।

उन्होंने बताया कि बेटी की शादी के बाद व तलाक के पहले बेटी-दामाद अहमदाबाद में रहते थे, जो बाद में राजकोट रहने आ गये थे। अरविंद ने प्रिंट प्रोसेसिंग का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन जब यह बंद हो गया, तो अपने दामाद को व्यवसाय में आगे लाने के लिए, शिकायतकर्ता ने अरविंद और एक अन्य आरोपी बिपिन के साथ मिलकर 16-07-2014 को ई-स्क्रीन इंप्रेशन नामक एक कंपनी शुरू की। जिसमें परिवादी व दोनों आरोपी डायरेक्टर थे, परिवादी का 33.33 प्रतिशत, अरविंद का 33.33 प्रतिशत व बिपिन का 33.34 प्रतिशत शेयर था। शिकायतकर्ता ने किश्तों में कंपनी में कुल 43.59 लाख रुपए निवेश किए थे। इसके बाद कारोबार नहीं चलने पर बैंक ने कर्ज वसूली के लिए नीलामी की। फिर बाकी पैसा बैंक में रख दिया गया था, जिसे हड़पने का आरोपियों ने प्रयास किया है। 

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