राजकोट :  पालीताणा की छह-गांव तीर्थयात्रा बुधवार से होगी प्रारंभ

हजारों श्रद्धालु लेंगे भाग, तीर्थयात्रियों का होगा विशेष सम्मान

राजकोट :  पालीताणा की छह-गांव तीर्थयात्रा बुधवार से होगी प्रारंभ

सौराष्ट्र की पावन भूमि पर स्थित पालीताणा के शेत्रुंज्य तीर्थ में हर वर्ष आयोजित होने वाली छह-गांव तीर्थयात्रा इस वर्ष 12 मार्च, बुधवार से प्रारंभ होगी। हजारों श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित करेंगे। परंपरा के अनुसार, तीर्थयात्रियों के पैर का अंगूठा धोकर, तिलक लगाकर तथा सिक्के भेंट कर उनका सम्मान किया जाएगा। 

पालीताणा का शेत्रुंज्य तीर्थ जैन समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह यात्रा पालीताणा की तलहटी से प्रारंभ होकर 16 किमी की दूरी तय कर सिद्धवाड़ गांव तक पहुंचती है, जिसे छह-गांव तीर्थयात्रा के रूप में जाना जाता है। इस दौरान श्रद्धालु 1250 से अधिक जैन मंदिरों के दर्शन करेंगे। शेत्रुंज्य पर्वत की ऊंचाई 603 मीटर है और इस पर्वत पर 3501 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं।

इस वर्ष तीर्थयात्रा का शुभारंभ 12 मार्च को प्रातः 4 बजे होगा। राजकोट से 30 से 35 बसों द्वारा श्रद्धालु पालीताणा पहुंचेंगे। तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए विभिन्न स्वयंसेवी संगठन, स्थानीय प्रशासन तथा शेठ श्री आनंदजी कल्याणजी पेढ़ी द्वारा विशेष सेवाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी।

 यात्रा के दौरान तीर्थयात्री आदेश्वरदादा के पवित्र जल का दर्शन कर तीर्थंकर श्री अजितनाथ स्वामी व शांतिनाथ स्वामी के मंदिर में श्रद्धा निवेदित करेंगे। चंदन तलावड़ी में उबले पानी का प्रसाद ग्रहण करने के पश्चात, वे हस्तगिरि, सिद्ध शीला गुफाएं, सूरज कुंड के दर्शन कर सिद्धवड़ एवं आदपुर (घेटी) गांव पहुंचेंगे।

आदपुर गांव में 89 पाल (विशेष स्टॉल) लगाए जाएंगे, जिनमें से 35 पंडालों में तीर्थयात्रियों का सम्मान किया जाएगा। श्रद्धालुओं के पैर धोकर, तिलक लगाकर तथा सिक्के भेंट कर उन्हें सम्मानित किया जाएगा। अधिकांश श्रद्धालु इन सिक्कों को गौशाला में स्थित दान पेटी में अर्पित करेंगे।

बुधवार 12 मार्च को प्रत्येक पाल (भोजन स्टॉल) पर शुद्ध जैन व्यंजन उपलब्ध रहेंगे। इनमें ढेबरा-दही, गाठिया-पूरी-थेपला, कच्चा पपीता सांभर, चाय-गरम दूध, हरे-काले अंगूर, तरबूज, दालचीनी-लौंग उबाल, राजस्थानी लस्सी तथा नींबू शरबत शामिल हैं। शाम को चौविहार के दौरान रोटी, खिचड़ी-कढ़ी, सब्जी-सांभर, दही आदि का वितरण किया जाएगा।

राजकोट के जैन समाज के महेश भाई मेहता के अनुसार, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए एसटी निगम द्वारा विशेष 50 से अधिक बसें चलाई जाएंगी। इसके अतिरिक्त, मुंबई से विशेष ट्रेन का भी प्रबंध किया गया है। मुंबई, राजस्थान, कोलकाता, वडोदरा, राजकोट, जामनगर, सुरेंद्रनगर, भावनगर, शिहोर, दीयावर, डभोई, लतीपर, चेन्नई, पालीताणा, लिम्बडी आदि स्थानों पर स्थित जैन केंद्र निःशुल्क सेवाएं प्रदान कर श्रद्धालुओं का आतिथ्य  करेंगे।  यह पावन तीर्थयात्रा श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त करने और पुण्य लाभ अर्जित करने का अनूठा अवसर प्रदान करती है।

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