सूरत : हीरा उद्योग की समस्याओं पर कलेक्टर और मंत्रियों की सक्रियता, सहायता की उम्मीद

तीन मंत्रियों की समिति तैयार करेगी रिपोर्ट, जल्द होगी घोषणा

सूरत : हीरा उद्योग की समस्याओं पर कलेक्टर और मंत्रियों की सक्रियता, सहायता की उम्मीद

सूरत: सूरत के हीरा उद्योग में मंदी के चलते रत्नकलाकारों की समस्याओं को लेकर हीरा उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। इसके बाद, सूरत कलेक्टर और राज्य सरकार के मंत्रियों ने इस मामले में सक्रियता दिखाई है।

बुधवार को सूरत कलेक्टर ने हीरा उद्योगपतियों और नेताओं के साथ बैठक की। उन्होंने उद्योगपतियों की बातें सुनीं और समस्याओं के समाधान की दिशा में काम शुरू करने का आश्वासन दिया।

राज्य सरकार ने हीरा उद्योगपतियों की मांगों पर विचार करने के लिए तीन मंत्रियों की एक समिति गठित की है। इस समिति में शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया, बलवंतसिंह राजपूत और हर्ष संघवी शामिल हैं।

शिक्षा मंत्री प्रफुल्ल पानशेरिया ने बताया कि समिति पूरे मामले पर रिपोर्ट तैयार करेगी। इस रिपोर्ट के आधार पर हीरा श्रमिकों को सरकारी सहायता की घोषणा की जाएगी।

प्रफुल्ल पानशेरिया ने कहा कि सरकार हीरा श्रमिकों की मदद के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि समिति हीरा उद्योगपतियों और अधिकारियों से मिलकर रिपोर्ट तैयार करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे स्वयं हीरा उद्योग से जुड़े रहे हैं, इसलिए उन्हें श्रमिकों की समस्याओं की जानकारी है।

सूरत डायमंड एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिनेश नावडिया ने कहा चार मुद्दो पर चर्चा हुई।  रत्नकलाकार कल्याण बोर्ड की स्थापना, रत्नकलाकारों के बच्चों की स्कूल फीस में सरकारी मदद, रत्नकलाकारों पर प्रोफेशनल टैक्स की माफी, कट एंड पॉलिश की कीमतों का निर्धारण हो। डायमंड वर्कर एसोसिएशन अग्रणियों की रजुआत को जिला कलेक्टर ने सूना और उसे सरकार में उचित स्तर पर पेश करने का आश्वासन दिया।

जिला कलेक्टर सौरभ पारधी ने कहा कि सरकार हीरा श्रमिकों की स्थिति के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने बताया कि हीरा श्रमिक संगठनों  ने अपनी शिकायतें बताई हैं, जिन्हें सरकार के समक्ष पेश किया जाएगा।

 

 

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