सूरत में सामूहिक आत्महत्या, कर्ज में फंसे एक ही परिवार के 3 सदस्यों ने जहरीली दवा खाकर जान दी
सूरत में एक बार फिर सामूहिक आत्महत्या की घटना ने हड़कंप मचा दिया है। शहर के अमरोली इलाके में स्थित एंटीलिया फ्लैट्स में माता-पिता और उनके 30 वर्षीय बेटे ने जहर निगलकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। जानकारी मिलने पर सोसायटी के लोग सभी को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां मौजूद डॉक्टरों की टीम ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, भरतभाई ससांगिया (पुत्र), वनिता ससांगिया (पत्नी) और बेटे हर्ष ससांगिया ने आर्थिक तंगी के कारण यह कदम उठाया। घर में एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है कि लेनदारों द्वारा परेशान किए जाने से तंग आकर उन्होंने आत्महत्या की है।
प्रारंभिक निष्कर्ष यह है कि कर्ज के कारण आर्थिक तंगी के कारण यह कदम उठाया गया क्योंकि उनका बेटा बैंक लोन लेकर काम कर रहा था। मृतक के घर से एक सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें लिखा है कि लेनदार उसे परेशान कर रहे थे, जिसके कारण उसने आत्महत्या की है। अमरोली पुलिस ने इस मामले में आगे की जांच शुरू कर दी है।
मृतक के मामा ने बताया कि दिवाली से पहले वह हीरे का कारोबार करता था। लेकिन मंदी के कारण भांजे ने नौकरी बदल ली। लेकिन ऋण की किस्तों को लेकर तनाव हो सकता है। परिवार में आर्थिक कठिनाई थी। जब मैंने सुना कि उसने आत्महत्या कर ली है तो मैं दौड़कर आया। स्मीमेर को अस्पताल ले जाया गया। जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया है। हीरे में मंदी के कारण पिता-पुत्र दोनों का काम बंद हो गया था। भरतभाई पिछले दो महीने से चौकीदार का काम कर रहे थे। इस बीच, चूंकि उनके बेटे हर्ष की भी नौकरी चली गई थी, इसलिए वह परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए फिलहाल एक कंपनी के ऋण विभाग में काम कर रहा था। जिस फ्लैट में वह रह रहा था, उस पर ऋण बकाया था। हालाँकि, पिछले कई महीनों से इस ऋण की किश्तों का भुगतान नहीं किया गया था, जिससे पूरे परिवार को आर्थिक कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था।
सुसाइड नोट मिला
एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें दो लोगों के नाम हैं। फिलहाल प्रारंभिक जांच से पता चला है कि परिवार ने अपने मकान का सौदा कर लिया था। 22 लाख रुपए में सौदा तय हुआ, जिसमें एक लाख रुपए एडवांस ले लिया गया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि खरीदारों को पता चला कि मकान पहले से ही ऋण पर है, इसलिए उन्होंने मकान लेने से इनकार कर दिया और एक लाख रुपये की अग्रिम राशि वापस मांगी। कल भी सुबह 9 बजे फोन आया था। मृतक हर्ष लोन एजेंट के रूप में काम करता था, जबकि उसके पिता भरतभाई सेवानिवृत्त थे। फिलहाल सुसाइड नोट के आधार पर जांच चल रही है।