दुर्लभ कैंसर सर्जरी: रोगी को दो प्रकार के कैंसर होने के बाद रोबोटिक सर्जरी से मिला नया जीवन
अहमदाबाद, 4 मार्च: अहमदाबाद में एक 60 वर्षीय मरीज पर सफलतापूर्वक 6 घंटे की रोबोटिक सर्जरी की गई, जो उन्नत कैंसर उपचार में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित हुई। इस मरीज को मूत्राशय में दो अलग-अलग प्रकार के कैंसर लियोमायोसारकोमा (Leiomyosarcoma) और ट्रांजिशनल सेल कार्सिनोमा (TCC) होने का दुर्लभ मामला पाया गया।
अहमदाबाद के वरिष्ठ यूरो-ऑन्कोलॉजिस्ट और रोबोटिक सर्जन डॉ. रोहन पटेल, जिन्होंने इस जटिल सर्जरी का नेतृत्व किया, ने बताया कि हमारी जानकारी के अनुसार, भारत में यह पहला रिपोर्टेड मामला है जहां एक ही समय में मूत्राशय में दो अलग-अलग प्रकार के कैंसर पाए गए हैं।
आमतौर पर, मूत्राशय के कैंसर यूरोथेलियल कैंसर (TCC) प्रकार के होते हैं। वैश्विक स्तर पर ऐसे मामलों की संख्या 15 से भी कम है, जहां एक ही समय में मूत्राशय में दो प्रकार के कैंसर विकसित हुए हों। उन्होंने आगे बताया कि लियोमायोसारकोमा एक अत्यंत दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो मूत्राशय के कैंसर मामलों में 1 प्रतिशत से भी कम पाया जाता है और इसकी संभावनाएं अक्सर खराब होती हैं।
मरीज ने शुरुआत में हेमेट्यूरिया (मूत्र में रक्त आना) की शिकायत की थी। सीटी स्कैन में मूत्राशय में ट्यूमर पाया गया। मरीज के पेट की पहले की गई सर्जरी के कारण सर्जरी और भी जटिल हो गई, क्योंकि इससे आंतों में चिपकाव (एडहेशंस) हो गया था। बायोप्सी के लिए TURBT (ट्रांसयूरिथ्रल रीसक्शन ऑफ ब्लैडर ट्यूमर) नामक एंडोस्कोपिक प्रक्रिया की गई, जिसने कैंसर की पुष्टि की। इसके बाद मरीज पर रेडिकल सिस्टेक्टॉमी नामक जटिल रोबोटिक सर्जरी की गई, जिसमें 6 घंटे का समय लगा।
इस सर्जरी के दौरान पहले से मौजूद चिपकाव को सावधानीपूर्वक हटाया गया ताकि आंतों को नुकसान न हो। संपूर्ण मूत्राशय को निकालकर, मरीज की आंत के एक हिस्से से नियोब्लैडर (NEOBLADDER) बनाया गया। नियोब्लैडर को मूत्रमार्ग से जोड़ा गया, जिससे मरीज को सामान्य तरीके से मूत्रत्याग करने में कोई परेशानी न हो।
सफल सर्जरी के बाद डॉ. रोहन पटेल ने कहा कि यह हमारे करियर के सबसे दुर्लभ मामलों में से एक था। रोबोटिक सर्जरी की मदद से हम सटीकता के साथ ऑपरेशन कर पाए, जिससे सर्जरी से जुड़ी जटिलताओं को कम किया जा सका और मरीज की रिकवरी भी बेहतर रही। सर्जरी के बाद मरीज की रिकवरी बिना किसी परेशानी के हुई और उसे सिर्फ 7 दिन में अस्पताल से छुट्टी मिल गई।
यह सफलता दिखाती है कि रोबोटिक सर्जरी दुर्लभ कैंसर मामलों में कितना क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकती है। अहमदाबाद अब उन्नत चिकित्सा सेवाओं के लिए जाना जा रहा है, और यह मामला भविष्य की रोबोटिक सर्जरी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
डॉ. रोहन पटेल के बारे में
डॉ. रोहन पटेल अहमदाबाद के अनुभवी रोयूरो ऑन्कोलॉजिस्ट और यूरोलॉजिस्ट हैं, जो अहमदाबाद में प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ से M.Ch. (यूरोलॉजी) पूरा किया है। उन्हें यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (USI) से प्रतिष्ठित USA ट्रैवलिंग फेलोशिप प्राप्त हुई थी। उन्होंने मणिपाल हॉस्पिटल, बेंगलुरु में रोबोटिक सर्जरी की फेलोशिप पूरी की और इसके बाद मेदांता - द मेडिसिटी, गुड़गांव में वत्तिकुटी रोबोटिक यूरोलॉजी और रीनल ट्रांसप्लांटेशन फेलोशिप भी की।
वे भारत के उन कुछ यूरोलॉजिस्ट में से एक हैं जो यूरो-ऑन्कोलॉजी में विशेषज्ञता रखते हैं और प्रोस्टेट, किडनी और ब्लैडर के जटिल यूरोलॉजिकल कैंसर के इलाज में रोबोटिक, ओपन और लैप्रोस्कोपिक सर्जरी करने में निपुण हैं।