देश की सबसे लंबी दूरी की ट्रेल रनिंग मैराथन में सूरत के दो युवाओं ने सफलता हासिल की
डिंडोरी/अहमदाबाद, 01 मार्च (वेब वार्ता)। महाराष्ट्र के डिंडोरी में आयोजित देश की सबसे लंबी दूरी की सिंगल ट्रेल रनिंग मैराथन में सूरत के दो युवाओं ने सफलता हासिल की है। सूरत के चार धावकों ने ट्रेल मैराथन में भाग लिया, जिसमें मगदल्ला के दिनेश पटेल और जहांगीरपुरा के अर्पण झाला ने 161 किलोमीटर की दौड़ 29 घंटे 15 मिनट में पूरी कर सूरत को गौरवान्वित किया।
महाराष्ट्र के नासिक जिले के डिंडोरी तालुका के मोहाडी गांव में स्थित सह्याद्री फार्म में ब्लू ब्रिगेड स्पोर्ट्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित मैराथन में विभिन्न श्रेणियां थीं। 338 किमी की दौड़ 72 घंटे में पूरी करनी होती है, 220 किमी की दौड़ 48 घंटे में, 161 किमी की दौड़ 30 घंटे में, 100 किमी की दौड़ 20 घंटे में, 75 किमी की दौड़ 14 घंटे में तथा 50 किमी की दौड़ 8 घंटे में पूरी करनी होती है। इन छह श्रेणियों में आयोजित दौड़ में भाग लेकर सूरत के दोनों धावकों ने इसे 29 घंटे 15 मिनट में पूरा करने में सफलता प्राप्त की।
ऑर्थोपैडिक इंप्लांट व्यवसाय से जुड़े मगदल्ला के दिनेश पटेल ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि दौड़ में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धावकों ने हिस्सा लिया। 161 किलोमीटर की दौड़ में भोजन, पानी, स्नान और प्राकृतिक आवश्यकताओं की पूर्ति केवल दौड़ के दौरान ही करनी होती है। हमने दौड़ के लिए कड़ा अभ्यास किया। वर्षों से दौड़ में रुचि और अभ्यास के कारण वह समय पर दौड़ पूरी करने में सफल रहे। 9 फरवरी को जब सुबह 9 बजे दौड़ शुरू हुई तो तापमान 24 डिग्री था, जो दोपहर में बढ़कर 40 डिग्री हो गया। चिलचिलाती गर्मी में सहनशक्ति बनाए रखने और दौड़ने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
यह उपलब्धि हासिल करने वाले अर्पण जाला ने बताया कि 'वाइनयार्ड अल्ट्रा मैराथन' में धावकों पर नजर रखने के लिए जीपीएस आधारित उन्नत ट्रैकिंग प्रणाली का उपयोग किया जाता है, जो प्रतियोगी पर मिनट दर मिनट नजर रखती है और वेब पोर्टल पर वास्तविक समय का डेटा प्रदर्शित करती है।
कोच तेजलभाई ललितभाई मोदी ने धावकों को कठोर प्रशिक्षण देकर दौड़ के लिए तैयार किया। तेजलभाई ने कहा कि वाइनयार्ड अल्ट्रा मैराथन मार्ग का 70 प्रतिशत हिस्सा धूल भरी ग्रामीण सड़कों पर है और 30 प्रतिशत हिस्सा पक्की सड़कों पर है। फलों और सब्जियों के खेतों के बीच कच्ची सड़कों पर 30 से 35 डिग्री सेल्सियस की भीषण गर्मी में दौड़ना।
उन्होंने आगे कहा कि हम 2017 से 'रनिंग फॉर हैप्पीनेस ग्रुप' चला रहे हैं, जिसके 200 सदस्य हैं जो नियमित रूप से दौड़ते हैं। इसमें 60 महिलाएं शामिल हैं। इस समूह के सदस्य हर शनिवार को एसवीआर से डुम्मास तक दौड़ते हैं। हमारा समूह युवाओं को लंबी दूरी की अल्ट्रामैराथन-ट्रेल दौड़ में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करता है। दौड़ने के लिए किसी प्रकार का कोचिंग शुल्क लिया जाता था।
दौड़ने से शरीर को कई लाभ होते हैं। हृदय संबंधी गतिविधि स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। मांसपेशियों और घुटनों को मजबूत बनाता है। जीवन में अनुशासन मधुमेह के प्रभाव को कम करता है। एंडोर्फिन जारी करके तनाव कम करता है। घुटनों, मांसपेशियों को मजबूत बनाता है
इस उपलब्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली सहायक टीम में कोच तेजल मोदी, मेघा मोदी, मेघना झाला, मनन झाला, स्मिता पटेल, निमिषा बोडावाला और आरव पटेल शामिल थे। महाराष्ट्र में ट्रेल रनिंग लोकप्रिय है। गुजराती लोग अल्ट्रामैराथन में भी भाग ले रहे हैं, जो धीरज, ऊर्जा और दृढ़ संकल्प की परीक्षा है।
लम्बी दूरी की ट्रेल रनिंग क्या है?
ट्रेल रनिंग में गंदगी भरी सड़कों, जंगल की पगडंडियों, पहाड़ी रास्तों और चट्टानी इलाकों पर दौड़ना शामिल है। यह प्रकृति और पर्यावरण से जुड़ने और सुंदर दृश्यों का आनंद लेने का अवसर प्रदान करता है। विभिन्न ग्रामीण सड़कों पर दौड़ने के लिए अधिक चपलता, स्थिरता, संतुलन और शक्ति की आवश्यकता होती है। फिट और स्वस्थ रहने के लिए चलना और दौड़ना बहुत महत्वपूर्ण है। यह मैराथन, केंद्र सरकार के ‘फिट इंडिया’ अभियान को भी बढ़ावा दे रही है, तथा युवाओं को प्रकृति के करीब लाने, उन्हें स्वस्थ और सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।