सूरत : सूरत सहित देशभर के 18 शहरों में 'मोटी सेठानी' मूवी हुई रिलीज
इस मूवी में राजस्थानी संस्कृति की झलक समाहित : संजय राणा तुलस्यान
शेखावाटी की शक्तिपीठ झुंझुनूं स्थित रानी सती दादी के जीवन चरित्र पर आधारित मूवी मोटी सेठानी का प्रीमियर शो रुंगटा सिनेमा, सूरत में शुक्रवार रात्रि में रखा गया। इस अवसर पर फिल्म के प्रोड्यूसर संजय राणा तुलस्यान,कलाकार वर्षा सोनी,अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन के राष्ट्रीय महामंत्री राजेश भारूका,वैश्य महासम्मेलन के प्रदेश महामंत्री राजू खण्डेलवाल, समाजसेवी विमल सोनी, मिलन झुंझुनूं वाला, दादी मंदिर परिवार सहित अन्य गणमान्य महानुभाव उपस्थित रहे। एक सप्ताह तक रुंगटा सिनेमा में यह दिखाई जाएगी।
फिल्म को लेकर दादी भक्तों में अपूर्व उत्साह देखा जा रहा है। सूरत के साथ साथ देश के अन्य शहरों में भी यह मूवी दिखाई जा रही। रानी सती दादी के पूरे देश में करोड़ों भक्त है। भाद्रपद अमावस्या पर झुंझुनूं में बहुत भी विशाल स्तर पर दादीजी का उत्सव मनाया जाता है। सूरत सहित देश के अन्य अलग अलग शहरों में भी भाद्रपद अमावस्या पर दादी जी का उत्सव मंगलपाठ आयोजित किए जाते हैं।
'मोटी सेठानी' मूवी के डायरेक्टर एवं प्रोड्यूसर राणा संजय तुलस्यान ने लोकतेज को बताया कि रानी सती की कृपा से राजस्थान की संस्कृति से ओतप्रोत पिक्चर बनाने की प्रेरणा हुई। इस पिक्चर की आधी शूटिंग झुंझुनूं जिले के अलरीसर गांव में हुई है, जबकि उसके 10 किलोमीटर इर्द-गिर्द में फिल्म की पूरी शूटिंग हुई है। तकरीबन डेढ़ साल में 27 दिन की शूटिंग में पूरा फिल्म में तैयार हुआ है, जिसकी लागत ढाई करोड रुपए आई है। इस फिल्म में 150 कलाकारों सहित 250 लोगों ने काम किया है, जिसमें मुख्य कलाकार मोहित शर्मा, अन्या बूबना जो नारायणी के रोल निभाया है। जबकि शनील शर्मा, अर्पण अग्रवाल, मुस्कान दुबे, राजेंद्र कुमार, सुधांशु शर्मा एवं रामकरण चौधरी समावेश है।
श्री तुलस्यान ने लोकतेज को बताया कि रानी सती की देश भर के विविध शहरों में 900 मंदिर है, जबकि हांगकांग, लंदन, बैंकॉक सहित 15 देशों में रानी सती की मंदिर प्रतिस्थापित है। फिल्म की प्रीमियम 26 फरवरी महाशिवरात्रि के दिन जयपुर में लॉन्च की गई थी। जबकि शुक्रवार 28 फरवरी को देशभर में कोलकाता, मुंबई, सूरत सहित देश भर के 18 शहरों के 27 थिएटरों में रिलीज हुई। दो घंटा 23 मिनट की मूवी में राजस्थान की संस्कृति की झलक समाहित है। फिल्म संगीतकार सतीष देहरा के पांच गाने हैं, जिनमे से 4 गानें अलका याग्निक की स्टूडियो में रिकॉर्डिंग किया गया है, जबकि एक गाना सुरेश वाडेकर के यहां रिकॉर्ड किया गया है। सब कुल मिलाकर 250 लोगों ने इस पिक्चर में काम किया है।