सूरत : एसजीसीसीआई ने केंद्रीय बजट 2025 पर 'पोस्ट बजट विश्लेषण' का आयोजन किया

यह बजट व्यक्तिगत आयकर, निवेश योजना और पूंजी निर्माण के मामले में सर्वोत्तम है: प्रसिद्ध कर सलाहकार  मुकेश पटेल

सूरत : एसजीसीसीआई ने केंद्रीय बजट 2025 पर 'पोस्ट बजट विश्लेषण' का आयोजन किया

सूरत : केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी, 2025 को केंद्रीय बजट-2025 पेश किया, जिसके संबंध में दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने सोमवार को एक बैठक आयोजित कर 'पोस्ट बजट एनालिसिस' का आयोजन किया गया। जिसमें अहमदाबाद के जाने-माने टैक्स कंसल्टेंट और प्रैक्टिकल टैक्स प्लानिंग के संस्थापक  मुकेश पटेल ने केंद्रीय बजट-2025 पर अपना विश्लेषण प्रस्तुत किया।

चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने कहा कि प्रथम दृष्टया केंद्रीय बजट 2025  प्रधानमंत्री नरेन्द्रभाई मोदी द्वारा देखे गए वर्ष 2047 तक विकसित भारत की परिकल्पना को साकार करने वाला प्रगतिशील बजट प्रतीत होता है, जिसमें गरीब वर्ग  , युवाओं, किसानों, एमएसएमई उद्योगपतियों और महिला सशक्तिकरण के विकास के लिए अनेक प्रावधान किए गए हैं। मजदूर वर्ग को राहत दी गई है।

प्रख्यात कर सलाहकार  मुकेश पटेल ने कहा कि बजट विश्लेषण कला और विज्ञान दोनों का सम्मिश्रण है। हर बजट में गरीबों के लिए योजनाएं शामिल होती हैं, लेकिन पहली बार मध्यम वर्ग के लिए बजट में राहत दी गई है। बजट में 24 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को 1 लाख 10 हजार रुपये तक की आयकर छूट देने का सरकार का ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने पिछले पांच वर्षों के व्यक्तिगत कर के आंकड़े प्रस्तुत किये।

वर्तमान में, अधिकांश करदाता आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं और उन्हें 24 घंटे के भीतर आईटीआर रिटर्न प्राप्त हो जाता है, तथा बहुत ही दुर्लभ मामलों में विवाद उत्पन्न होते हैं। इससे पता चलता है कि लोगों को सरकार पर कितना भरोसा है। यह समझना चाहिए कि यह बजट व्यक्तिगत आयकर, निवेश योजना और पूंजी निर्माण यानी पूंजी निर्माण के लिहाज से सर्वोत्तम है। एक एकल करदाता दो पोर्टफोलियो रख सकता है, एक निवेश और एक स्टॉक एक्सचेंज। इसमें दो डीमैट खाते खोलना और नियमों का पालन करना शामिल है।

सूरत में कई छोटे-बड़े ट्रस्ट हैं और हालांकि कर राजस्व के मामले में उनके लिए कड़े प्रावधान थे, फिर भी उन्हें कुछ राहत दी गई है। दूसरी ओर, हर पांच साल में नवीनीकरण की प्रक्रिया में बदलाव किया गया है। वर्ष 2021 के बाद 2026 में एक बार नवीनीकरण हेतु आवेदन करना होगा, किन्तु उसके बाद के नवीनीकरणों में यदि अगले दो वर्षों में औसत व्यक्तिगत प्राप्तियां (कटौतियों के बिना कुल आय) 5 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होती है, तो ऐसे ट्रस्टों को 10 साल के नवीनीकरण दिया जायेगा। इसलिए बजट में ट्रस्टों के लिए छोटे प्रावधान किए गए हैं जो स्वागत योग्य है।

उन्होंने आगे कहा कि एलआरएस में विदेश में धन भेजने की सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है। शिक्षा ऋण में राहत प्रदान की गई है। वित्त मंत्री ने टीडीएस और टीसीएस में भी बदलाव किया है। कारोबार को आसान बनाने की दृष्टि से केन्द्रीय बजट स्वागत योग्य है।

कार्यक्रम में चैम्बर के उपाध्यक्ष  निखिल मद्रासी, तत्कालीन सेवानिवृत्त अध्यक्ष रमेश वघासिया, मानद मंत्री नीरव मंडलेवाला, मानद कोषाध्यक्ष  मृणाल शुक्ला, पूर्व अध्यक्ष, चैम्बर के सदस्य, चार्टर्ड अकाउंटेंट, अधिवक्ता एवं टैक्स प्रोफेशनल्स उपस्थित थे। चैंबर के ग्रुप चेयरमैन सीए अनुज जरीवाला ने कार्यक्रम की रूपरेखा बताई।

दक्षिण गुजरात आयकर बार एसोसिएशन के उपाध्यक्ष आशीष वकील ने वक्ताओं का परिचय कराया। संपूर्ण कार्यक्रम का संचालन चैंबर की आयकर समिति के अध्यक्ष सीए प्रग्नेश जगशेठ ने किया। चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन सूरत के उपाध्यक्ष  मुकेश काबरा ने कार्यक्रम में आने के लिए उपस्थित लोगों को धन्यवाद दिया।