सूरत : उधना रेलवे स्टेशन के बाहर अंधेरा, स्थानीय यात्री और व्यापारी परेशान

स्थानीय यात्रियों और व्यापारियों का गुस्सा, प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाए

सूरत : उधना रेलवे स्टेशन के बाहर अंधेरा, स्थानीय यात्री और व्यापारी परेशान

सूरत : उधना रेलवे स्टेशन, जहां से 200 से अधिक ट्रेनें गुजरती हैं, के बाहर अंधेरा और खराब स्ट्रीट लाइटों की समस्या स्थानीय यात्रियों और व्यापारियों के लिए बड़ी परेशानी का कारण बन रही है। इस स्थिति के लिए सूरत नगर निगम की लापरवाही पर सवाल उठ रहे हैं।

सूरत रेलवे स्टेशन के नवीनीकरण के कारण कई महत्वपूर्ण ट्रेनों को उधना स्टेशन की ओर स्थानांतरित कर दिया गया है। स्टेशन के बाहर की स्ट्रीट लाइटें जर्जर और खराब हालत में हैं, जिससे रात के समय यात्रियों को असुरक्षा और असुविधा का सामना करना पड़ता है। सूरत नगर निगम ने बार-बार शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। स्थिति से मजबूर होकर पश्चिम रेलवे ने स्टेशन परिसर के अंदर खुद लाइटिंग की व्यवस्था की है। हालांकि, स्टेशन के बाहर मुख्य सड़क पर अब भी अंधेरा है, जो कि सूरत नगर निगम के जिम्मे आता है।

अंधेरे के कारण यात्रियों को रात में डर और असुविधा का सामना करना पड़ता है। व्यापारियों ने बताया कि कम रोशनी और खराब स्ट्रीट लाइटों के कारण उनका कारोबार भी प्रभावित हो रहा है। स्थानीय लोगों ने कई बार मौखिक और लिखित शिकायतें दीं, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

सूरत नगर निगम को प्राथमिकता के आधार पर स्टेशन के बाहर की स्ट्रीट लाइटें ठीक करनी चाहिए। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी कैमरे और अच्छी गुणवत्ता की लाइटिंग लगाई जानी चाहिए। यात्रियों और व्यापारियों के सुझावों को ध्यान में रखकर स्थायी समाधान निकाला जाए। स्टेशन के बाहर नियमित निगरानी और रखरखाव के लिए एक तंत्र विकसित किया जाए।

उधना रेलवे स्टेशन सूरत का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन चुका है। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए सूरत नगर निगम को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। नगर निगम की लापरवाही से जनता में बढ़ता असंतोष दर्शाता है कि बुनियादी सुविधाओं की उपेक्षा न केवल असुविधा बल्कि असुरक्षा भी पैदा कर सकती है। अंधेरे को दूर करने के लिए जरूरी है कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाए।

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