सूरत : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने जल संरक्षण के संदेश के साथ दो लाख पतंगें वितरित कीं

"जल संरक्षण", "जनभागीदारी", "जन आंदोलन", "जल ही जीवन है", "जल ही कल है", "वर्षा को रोको" जैसे नारे पतंग पर लिखे 

सूरत : केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने जल संरक्षण के संदेश के साथ दो लाख पतंगें वितरित कीं

सूरत। आगामी उत्तरायण पर्व को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और गुजरात प्रदेश अध्यक्ष सी.आर. पाटिल ने सूरत महानगर में दो लाख पतंगें वितरित कीं। इस आयोजन का उद्देश्य "जल है तो कल है" के आदर्श वाक्य को प्रचारित करना और नागरिकों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था। 

पतंगों के माध्यम से जन-जागरण का प्रयास किया गया है। इन पतंगों पर जल संरक्षण और जल के महत्व को रेखांकित करने वाले नारों को प्रमुखता दी गई थी। कुछ मुख्य नारों में शामिल थे "जल ही जीवन है", "जल ही कल है", "वर्षा को रोको", "जनभागीदारी और जन आंदोलन"। पतंगों पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल की तस्वीर भी थी, और इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश को पत्रों के माध्यम से वितरित किया गया।

यह पतंग महोत्सव उत्तरायण के दौरान जल संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने का एक अभिनव प्रयास था। प्रत्येक वार्ड के कार्यकर्ताओं को पतंगें वितरित की गईं, ताकि इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाया जा सके। इस पहल के जरिए पानी के महत्व और इसके संरक्षण को लेकर जनमानस को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया गया।

इस आयोजन में सूरत शहर के कई गणमान्य नेता और पदाधिकारी उपस्थित थे, जिनमें शामिल थे सूरत महानगर शहर भाजपा अध्यक्ष निरंजनभाई झांझमेरा, महासचिव किशोरभाई और कालूभाई भीमनाथ, उप महापौर नरेंद्रभाई पाटिल,  पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष परेशभाई पटेल।

जनजागृति कार्यक्रम का मुख्य उदेश्य था जल संरक्षण के प्रति नागरिकों को जागरूक करना।  पानी की महत्ता को रेखांकित करना। इसे एक जन आंदोलन के रूप में स्थापित करना, ताकि हर व्यक्ति इस पहल का हिस्सा बन सके। यह आयोजन सूरत में एक अनोखे तरीके से जल संरक्षण के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का सार्थक प्रयास था।

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