सूरत : ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियमों के तहत उद्योगों के लिए 100% नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग की अनुमति का आग्रह

चैंबर प्रतिनिधि मंडल ने राज्य के ऊर्जा मंत्री को दिया ज्ञापन 

सूरत : ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियमों के तहत उद्योगों के लिए 100% नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग की अनुमति का आग्रह

सूरत। दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) ने गुजरात के वित्त और ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई को एक ज्ञापन प्रस्तुत किया, जिसमें ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियमों के तहत स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में उद्योगों को अपनी कुल बिजली खपत का उपयोग करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया।

चैंबर के अध्यक्ष विजय मेवावाला ने जानकारी देते हुए कहा कि चैंबर के पूर्व अध्यक्ष बी.एस. अग्रवाल, प्रबंध समिति सदस्य सुरेश पटेल और उप सचिव पॉलिक देसाई ने 17 दिसंबर 2024 को गांधीनगर में गुजरात के वित्त और ऊर्जा मंत्री कनुभाई देसाई को यह ज्ञापन सौंपा।

केंद्र सरकार द्वारा जून 2018 में लागू ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियमों में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए 30% ऊर्जा बैंकिंग का प्रावधान है।
फरवरी 2024 में गुजरात विद्युत नियामक आयोग (जीईआरसी) ने इन नियमों की पुष्टि की। हालांकि, 31 अगस्त 2024 को गुजरात ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड (जीयूवीएनएल) ने नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ऊर्जा बैंकिंग को 30% तक सीमित कर दिया, जिससे परियोजनाओं को नुकसान हुआ।

सूरत भारत का प्रमुख कपड़ा केंद्र है और एमएसएमई उद्योगों का भी गढ़ है। यूरोप के "सस्टेनेबल मैन्युफैक्चरिंग एक्ट" के तहत यूरोप में निर्यात करने वाले ब्रांड्स को 100% हरित ऊर्जा का उपयोग करना अनिवार्य है। बिजली की लागत कम करना कपड़ा निर्यात को प्रतिस्पर्धात्मक बनाने और उत्पादन लागत घटाने के लिए आवश्यक है।

नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने से भारत का ऊर्जा आयात बिल कम होगा, जो 2014 में ₹4.60 लाख करोड़ से बढ़कर 2024 में ₹14.4 लाख करोड़ हो गया। ग्रीन एनर्जी नियमों के तहत उद्योगपतियों को उनकी परियोजनाओं से 100% बिजली उपयोग की अनुमति दी जाए।
चैंबर की मांग 31 अगस्त 2024 तक पंजीकृत सभी नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं और जिन उद्योगों ने टीएफआर (तकनीकी व्यवहार्यता रिपोर्ट) प्राप्त की है, उन्हें 100% बिजली उपयोग की अनुमति मिले।

उद्योगों को ऊर्जा बैंकिंग की शर्तों से मुक्त किया जाए ताकि वे अपने स्व-उत्पन्न बिजली का अधिकतम उपयोग कर सकें।

चैंबर का कहना है कि नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग से न केवल उत्पादन लागत कम होगी बल्कि राज्य का औद्योगिक विकास भी तेजी से बढ़ेगा। यह कदम सूरत के कपड़ा उद्योग और गुजरात के एमएसएमई क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में मजबूती देगा।

चैंबर ने मंत्री से आग्रह किया है कि ग्रीन एनर्जी ओपन एक्सेस नियमों में संशोधन कर उद्योगों के लिए यह सुविधा शीघ्र उपलब्ध कराई जाए।

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