सूरत : अरावली एक्सप्रेस में एसी कोच में चोरी की घटना, रेलवे सुरक्षा पर सवाल

राजस्थान से सूरत आने वाले यात्रियों का ट्रेन में कड़वा अनुभव

सूरत : अरावली एक्सप्रेस में एसी कोच में चोरी की घटना, रेलवे सुरक्षा पर सवाल

सूरत। राजस्थान से सूरत लौट रहे यात्रियों के लिए अरावली एक्सप्रेस में यात्रा एक कड़वे अनुभव में बदल गई। सेकंड एसी कोच में यात्रा कर रहे सात यात्रियों, जिनमें छह लड़कियां शामिल थीं, का सामान चोरी हो गया। घटना राजस्थान के रींगस रेलवे स्टेशन के पास घटी, जिसने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सूरत के ऋषिविहार निवासी यात्री राजेंद्र चौधरी ने बताया कि सेकंड एसी कोच में लड़कियों ने अचानक शोर मचाना शुरू किया। जांच में पता चला कि लड़कियों और अन्य यात्रियों का सामान चोरी हो गया। चोरी की घटना के बाद यात्रियों ने ट्रेन की चेन पुलिंग की।

आरपीएफ (रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स) और जीआरपी (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस) मौके पर पहुंचे, लेकिन उन्होंने तुरंत कार्रवाई करने के बजाय यात्रियों से उलझना शुरू कर दिया। इस दौरान, जीआरपी ने एक संदिग्ध को पकड़ा, जिसके पास से तीन बैग बरामद हुए। इसके बाद कुछ और यात्रियों का सामान भी मिला।

आरपीएफ की इस घटना में भूमिका सवालों के घेरे में है। यात्रियों ने शिकायत की कि सुरक्षा बलों ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की और मामले को गंभीरता से नहीं लिया। शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया में घंटों लग गए, जबकि यात्रियों का गुस्सा बढ़ता रहा।

 रेलवे विभाग महिला यात्रियों की सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे करता है। इसके बावजूद छह महिलाओं का सामान चोरी होना चिंताजनक है।रात के सफर के दौरान कोच अटेंडेंट की भूमिका पर भी सवाल उठे। क्या उनकी गतिविधियों पर रेलवे की ओर से निगरानी की जाती है? सेकंड एसी जैसे उच्च-श्रेणी के कोच में भी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है। यह रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामियों को उजागर करता है।

यात्रियों की मांग है कि चोरी  की घटनाओं को रोकने के लिए ट्रेनों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जाए। कोच अटेंडेंट और रेलवे कर्मचारियों की गतिविधियों की नियमित जांच हो। एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाया जाए। आरपीएफ और जीआरपी को बेहतर प्रशिक्षण देकर यात्रियों के प्रति उनका रवैया संवेदनशील बनाया जाए।

इस घटना ने रेलवे प्रशासन की सुरक्षा और संचालन में खामियों को उजागर किया है। यात्रियों को राहत देने और रेलवे की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने की आवश्यकता है। सुरक्षित यात्रा का अनुभव प्रदान करना रेलवे की प्राथमिकता होनी चाहिए।

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