सूरत : 'एक थाली, एक थैली अभियान': महाकुंभ के लिए पर्यावरण संरक्षण का प्रयास
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पण
सूरत : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने पर्यावरण संरक्षण के लिए एक अनुकरणीय पहल शुरू की है। आगामी 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ मेले में प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के उद्देश्य से 'एक थाली, एक कपड़े की थैली अभियान' चलाया गया है। इस अभियान का लक्ष्य महाकुंभ के दौरान पर्यावरणीय नुकसान को कम करना है, जो सिंगल यूज प्लास्टिक के अत्यधिक उपयोग के कारण होता है।
सूरत महानगर आरएसएस टीम ने अभियान को प्रभावी रूप से लागू किया है। 37,500 स्टील की थालियाँ औक 34,000 कपड़े के थैले एकत्रित करने के लिए धार्मिक संस्थानो और सोसायटीयों में प्रयास किया जा रहा है। अभियान में शहर के 600 से अधिक समाजों और धार्मिक संगठनों ने सक्रिय भूमिका निभाई जा रही है। स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर जागरूकता फैलाई और सामग्री एकत्र की।
महाकुंभ में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं, और इस दौरान प्लास्टिक कचरे का भारी उत्पादन होता है। आरएसएस का यह कदम प्लास्टिक कचरे को कम करने और लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। स्टील की थालियाँ और कपड़े के थैले प्लास्टिक उत्पादों का विकल्प होंगे। सिंगल यूज प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण में कमी और एक स्थायी पर्यावरण के लिए योगदान।
सूरत शहर से एकत्र की गई सामग्री प्रयागराज भेजी जा रही है। आरएसएस ने इस अभियान के माध्यम से सामाजिक सहयोग और सामूहिक प्रयासों का आदर्श प्रस्तुत किया है।
यह पहल पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक जागरूकता की दिशा में एक सराहनीय कदम है। महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों में यदि इस तरह की गतिविधियाँ व्यापक रूप से अपनाई जाती हैं, तो यह पर्यावरणीय सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकती है।