राजकोट : लाभ पंचमी के मुहूर्त के बाद मार्केटिंग यार्ड में नीलामी शुरू

मूंगफली के 20 किलो का भाव 1250 रुपये बोला गया, वाहनों की 8 किलोमीटर लंबी कतार लगी

राजकोट : लाभ पंचमी के मुहूर्त के बाद मार्केटिंग यार्ड में नीलामी शुरू

राजकोट, 6 नवंबर (हि.स.)। गुजरात का राजकोट मार्केटिंग यार्ड दिवाली के मिनी वैकेशन के बाद बुधवार को खुल गया। सुबह शुभ मुहूर्त में पूजा-पाठ के बाद नीलामी शुरू की गई। मूंगफली के 20 किलो का भाव 1250 रुपये बोला गया। हालांकि यह न्यूनतम समर्थन मूल्य से 106 रुपये कम था, इसलिए किसान अधिक खुश नहीं दिखे।

दिवाली और गुजराती नववर्ष की छुट्टी के बाद लाभ पंचमी से गुजरात के कारोबार-व्यवसाय शुरू हो गए हैं। पहले दिन सोयाबीन, मूंगफली, कपास आदि की बम्पर आवक रही। सूत्रों के अनुसार मूंगफली की पहले दिन करीब 1 लाख बोरी आवक हुई है। वहीं कपास की 20 हजार बोरी और सोयाबीन की 50 हजार बोरी आवक हुई। यार्ड में किसी तरह की अव्यवस्था नहीं हो, इसके लिए यार्ड के चेयरमैन जयेश बोधरा समेत अन्य अधिकारी-पदाधिकारी मौके पर मौजूद रहे। चेयरमैन जयेश बोधरा ने बताया कि बुधवार को लाभ पंचमी से मुहूर्त किया गया है। इसमें सर्वाधिक मूंगफली की 1 लाख बोरी आवक हुई है। किसानों को 20 किलो मूंगफली की कीमत 1250 रुपये मिली है। यह भाव थोड़ा कम है। बारिश के कारण मूंगफली गिली हो गई थी, इसलिए इसकी कीमत कम मिली है। आगामी दिनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी होगी। तब तक खुले बाजार में मूंगफली की कीमत समर्थन मूल्य से अधिक होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

राजकोट मार्केटिंग यार्ड के निदेशक अतुल कमाणी ने बताया कि लाभ पंचमी का मुहूर्त अच्छा हुआ है। बेमौसमी बारिश से किसानों को नुकसान हुआ है, वहीं कम कीमत मिलने से किसान निराश हुए हैं। हालांकि सरकार की ओर से किसानों को राहत पैकेज से सहायता मिली है, इससे कुछ किसान संतुष्ट हैं तो कुछ इसे अपर्याप्त बता रहे हैं।

जामनगर के हापा मार्केंटिंग यार्ड में भी लाभ पंचमी के शुभ मुहूर्त में कारोबार शुरू हुआ। यहां एक दिन पहले मंगलवार रात से ही वाहनों का पहुंचना शुरू हो गया। मार्केट यार्ड के बाहर करीब 350 वाहनों में मूंगफली, कपास समेत अन्य उपज लेकर किसान पहुंचे। तमिलनाडु के व्यापारी मूंगफली की खरीद के लिए जामनगर पहुंचे हैं। इससे मूंगफली के अच्छे भाव मिलने की किसानों को उम्मीद है। जामनगर मार्केटिंग यार्ड में दिवाली के त्योहार के बाद लाभ पंचमी पर गुजरात नववर्ष की सौ व्यापारी मुहूर्त करते हैं। इस वजह से यहां लाभ पंचमी को सौभाग्य पंचमी भी कहते हैं।