सूरत : रामलीला में राम वनवास केवट प्रसंग और कैकई संवाद की लीला का हुआ मंचन 

श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट का आयोजन

सूरत : रामलीला में राम वनवास केवट प्रसंग और कैकई संवाद की लीला का हुआ मंचन 

 वेसू के रामलीला मैदान में चल रही रामलीला में सोमवार को कैकई- मंथरा संवाद, दशरथ संवाद, श्रीराम वनवास, केवट संवाद का मंचन हुआ। श्री आदर्श रामलीला ट्रस्ट के महामंत्री अनिल अग्रवाल ने बताया कि रामलीला में  राम विवाह की रस्म हुई अनेक भक्तों ने कन्यादान में भेट सौगात आदि देकर माता सीता को मंगल कामनाएं दी। 

कैकई- दशरथ संवाद व राजा दशरथ से रानी कैकई द्वारा राम को 14 वर्ष का वनवास, भरत को राजगद्दी का वचन मांगती हैं। इसको सुनकर दशरथ बहुत दुखी होते हैं। वो कैकई से कहते हैं कि तुम कुछ भी मांग लो लेकिन राम को वनवास मत मांगो। इस पर कैकई कहती है कि तुम अपने वचन से मुकर जाओ। इस पर दशरथ कहते हैं कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाएं पर वचन जाई। इसके साथ ही श्रीराम, सीता लक्ष्मण सहित वन में प्रस्थान कर जाते हैं। 

केवट भगवान श्रीराम को गंगा के उस पार छोड़ने के बदले में उनके चरण धोने की अनुमति मांगता है। रामजी के चरण धोने के बाद केवट अपना वादा निभाता है और भगवान श्रीराम, माता सीता और लक्ष्मण को गंगा के उस पार उतारता है। इसके आगे का भावुक प्रसंग देख दर्शकों की आंखे नम हो गई। ट्रस्ट के संजय जैन, जसवंत सरावगी, घनश्याम अग्रवाल, गणेश चंगोईवाला आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। रामलीला में मंगलवार 8 अक्टूबर 2024 को दशरथ मरण, भरत मनावन और सीता हरण का मंचन किया जाएगा।

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