सूरत : कपड़ा उद्योग को मिला बजट में बढ़ावा, उत्तर पूर्व का भी रखा ध्यान

फियास्वी के चेयरमैन भरतभाई गांधी ने केंद्रीय बजट का स्वागत किया

सूरत : कपड़ा उद्योग को मिला बजट में बढ़ावा, उत्तर पूर्व का भी रखा ध्यान

फियास्वी के चेयरमैन भरतभाई गांधी ने केंद्रीय बजट 2024-25 को कपड़ा उद्योग के लिए एक सकारात्मक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में कपड़ा क्षेत्र, विशेषकर तकनीकी वस्त्र, उत्तर पूर्वी क्षेत्र में भू-टेक्सटाइल और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

बजट में कपड़ा क्षेत्र के लिए  4,417.09 करोड़ आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। यह 2023 में 3443 करोड़ की तुलना में 974 करोड़ रुपये अधिक है। इसके अलावा, कपड़ा अनुसंधान और क्षमता निर्माण के लिए आवंटन भी दोगुना कर दिया गया है। यह कदम क्षेत्र को और अधिक मजबूत बनाने में मदद करेगा।

राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम के लिए भी बजट में बढ़ोतरी की गई है। इसका उद्देश्य शिल्प कौशल विकास, बाजार पहुंच और नवाचार को बढ़ावा देना है। उत्तर पूर्वी क्षेत्र में भू-टेक्सटाइल के विकास के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। इससे क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास को गति मिलेगी।

रेशम उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भरता बढ़ाना और आयात को कम करना है।

बजट में चमड़े और तकनीकी वस्त्रों पर सीमा शुल्क कम करने का भी प्रस्ताव है। इससे इन उत्पादों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी।

मुख्य बिंदुओं में कपड़ा क्षेत्र के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि, कपड़ा अनुसंधान और क्षमता निर्माण पर जोर, राष्ट्रीय हस्तशिल्प विकास कार्यक्रम को बढ़ावा, उत्तर पूर्वी क्षेत्र में भू-टेक्सटाइल के विकास पर ध्यान, रेशम उत्पादन को बढ़ावा और चमड़े और तकनीकी वस्त्रों पर सीमा शुल्क में कमी है

यह बजट कपड़ा उद्योग के लिए कई नए अवसर पैदा करेगा और क्षेत्र को मजबूत बनाने में मदद करेगा।

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