गांधीनगर : असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन स्तर में गुणात्मक बदलाव लाने का संकल्प है : मुख्यमंत्री

श्रमिक बसेरा योजना के पोर्टल की लॉन्चिंग

गांधीनगर : असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के जीवन स्तर में गुणात्मक बदलाव लाने का संकल्प है : मुख्यमंत्री

गांधीनगर, 18 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने निर्माण (कन्स्ट्रक्शन) श्रमिकों सहित असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए आहार, स्वास्थ्य, आवास एवं आर्थिक आधार उपलब्ध करा कर उनके जीवन स्तर में गुणात्मक बदलाव लाने का राज्य सरकार का संकल्प व्यक्त किया है।

इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि देश के विकास एवं प्रगति के लिए परिश्रम का पसीना बहाने वाले निर्माण श्रमिकों व असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का सर्वग्राही कल्याण सरकारों का दायित्व है। पटेल गुरुवार को राज्य सरकार के श्रम, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के उपक्रम से अहमदाबाद, गांधीनगर, वडोदरा और राजकोट में निर्मित होने वाले श्रमिक बसेरों के लिए अहमदाबाद में आयोजित भूमिपूजन कार्यक्रम में बोल रहे थे। इन श्रमिक बसेरों के तैयार होने पर लगभग 15 हजार से अधिक श्रमिकों को लाभ मिलेगा। आगामी तीन वर्षों में 1500 करोड़ रुपए की लागत से लगभग 3 लाख निर्माण श्रमिकों के लिए सुविधायुक्त अस्थायी आवास के रूप में श्रमिक बसेरे स्थापित किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने अहमदाबाद में जगतपुर में निर्मित होने वाले श्रमिक बसेरा का भूमिपूजन किया। समारोह में श्रम एवं रोजगार मंत्री बलवंत सिंह राजपूत की उपस्थिति रही। पटेल ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े भवन, इमारत, इन्फ्रास्ट्रक्चर उद्योगों के लिए आवश्यक फैक्टरीज सहित प्रत्येक निर्माण को अपने पसीने से सींचने वाले निर्माण श्रमिकों को उनका अपना आश्रय स्थान दिलाने की चिंता की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय के ‘हर हाथ को काम, हर हाथ का सम्मान’ मंत्र को साकार करते हुए गुजरात में असंगठित क्षेत्र के ऐसे निर्माण श्रमिकों को मूलभूत सुविधाओं के साथ अस्थायी आवास इन श्रमिक बसेरों से मिलेगा।

उन्होंने कहा कि निर्माण श्रमिकों को आवास के साथ-साथ आहार मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री के दिशादर्शन में राज्य सरकार ने श्रमिक अन्नपूर्णा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत ऐसे श्रमिकों को केवल 5 रुपए की राहत दर पर राज्य भर में 290 से अधिक श्रमिक अन्नपूर्णा भोजन केन्द्रों से गर्म एवं पौष्टिक भोजन दिया जाता है। अब तक 2 करोड़ 54 लाख श्रमिकों को भोजन वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिक यदि 60 वर्ष की आयु का होने तथा वृद्धावस्था के कारण कामकाज करने में समर्थ न रहे, तो भी उसके निर्वहन के लिए उसे पीएम श्रमयोगी मान धन योजना के तहत प्रति माह लगभग 3000 रुपए की पेंशन राशि मिलती है। राज्य में 3 लाख से अधिक श्रमिकों को इस तरह की योजनाओं का सुरक्षा कवच प्राप्त है।

उन्होंने इस समारोह में गुजरात भवन एवं अन्य निर्माण श्रमयोगी कल्याण बोर्ड तथा श्रमयोगी कल्याण बोर्ड की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों सहित 28 लाख लाभार्थियों को 6.80 लाख रुपए की सहायता का वितरण भी किया। उन्होंने ‘श्रमिक बसेरा योजना’ के पोर्टल की लॉन्चिंग की।

इस अवसर पर श्रम, कौशल विकास एवं रोजगार मंत्री बलवंत सिंह राजपूत ने कहा कि राज्य सरकार श्रमिकों की सुविधाओं में निरंतर वृद्धि कर रही है। सरकार की इस कार्य पद्धति को आगे बढ़ाते हुए आज 17 साइटों पर अस्थायी आवास का निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया है। राजपूत ने कहा कि श्रमिकों के अनाज, स्वास्थ्य एवं आहार की चिंता करने वाली राज्य सरकार की आगामी समय में श्रमिक अन्नपूर्णा योजनांतर्गत और 100 केन्द्र खोलने की योजना है। उद्योगों की स्थापना के साथ उद्योगों के अनुरूप कौशल निर्माण के लिए राज्य में ‘कौशल्य- द स्किल यूनिवर्सिटी’ भी कार्यरत है। इस प्रकार; उद्योगों के लिए सभी प्रकार से अनुकूल वातावरण के कारण विदेशी निवेश एवं रोजगार क्षेत्र में गुजरात देश में शीर्ष राज्यों में से एक है।

आरंभ में श्रम, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग की अपर मुख्य सचिव डॉ. अंजू शर्मा ने कहा कि गुजरात के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले निर्माण श्रमिक भाई-बहनों को बहुत ही कम दर पर रहने के लिए किराए का आवास मुहैया कराने के उद्देश्य से ‘श्रमिक बसेरा योजना’ लागू की गई है।

इस योजनांतर्गत गुजरात भवन एवं अन्य निर्माण श्रमयोगी कल्याण बोर्ड के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों तथा उनके परिवार को राहत दर पर किराए से रहने की सुविधा प्रदान की जाएगी। लाभार्थी श्रमिक से उसके 6 वर्ष या उससे कम आयु के बच्चों के लिए कोई किराया नहीं लिया जाएगा।

डॉ. शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का आगामी 3 वर्षों में लगभग 3 लाख श्रमिकों के लिए आवास सुविधा का निर्माण करने का संकल्प है। योजनांतर्गत श्रमिकों को कडियानाकों (श्रमिक नुक्कड़ों) के 1 किलोमीटर के क्षेत्र में आवास सुविधा प्रदान की जाएगी। इन आवासों में पानी, रसोई घर, बिजली, पंखे, स्ट्रीट लाइट, सिक्योरिटी, मेडिकल फैसिलिटी, पालना घर आदि सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि गुजरात भवन एवं अन्य निर्माण श्रमयोगी कल्याण बोर्ड की ‘श्रमिक बसेरा योजना’ के माध्यम से कुल लगभग 15000 निर्माण श्रमिकों को इस अस्थायी आवास सुविधा का लाभ मिलने का अनुमान है।

‘श्रमिक बसेरा योजना’ के लॉन्च किए गए पोर्टल द्वारा समग्र योजना का पारदर्शी संचालन व प्रबंधन किया जाएगा। इस पोर्टल के माध्यम से केन्द्रीयकृत तरीके से श्रमिकों को आवास की जगह का आवंटन किया जाएगा।

‘श्रमिक बसेरा योजना’ के शिलान्यास एवं पोर्टल लॉन्चिंग अवसर पर अहमदाबाद के विधायकगण, राज्य के श्रम आयुक्त अनुपम आनंद, अहमदाबाद जिला कलेक्टर प्रवीणा डी. के., रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग की निदेशक गार्गी जैन, अहमदाबाद महानगर पालिका (मनपा) स्थायी समिति के अध्यक्ष देवांगभाई दाणी, मनपा के पदाधिकारीगण एवं पार्षदगण उपस्थित रहे।

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