सूरत : रक्षाबंधन से पहले देश की सीमा पर तैनात जवानों को राखी भेजने की बजाय 16 बहनों ने सीमा पर पहुंचकर रक्षासूत्र बांधा

सूरत : रक्षाबंधन से पहले देश की सीमा पर तैनात जवानों को राखी भेजने की बजाय 16 बहनों ने सीमा पर पहुंचकर रक्षासूत्र बांधा

भारत-पाकिस्तान सीमा, सुई गांव, बनासकांठा सीमा पर 230 जवानों की राखी बांधी

रक्षाबंधन के उत्सव से पहले ही देश की सभी बहनें देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले सैनिकों के बारे में पहले सोचती हैं। हर बार अलग-अलग संगठनों द्वारा सैनिकों को राखियां डाक से भेजी जाती हैं। लेकिन इस बार सूरत से 16 बहनें एक एनजीओ के साथ सीमा पर जाकर सीमा पर सुरक्षा में तैनात जवानों के हाथ में रक्षासूत्र बांथकर  ईश्वर से खूब सौर्य एवं बल प्रदान करें ऐसी प्रार्थना की।  
यूनिवर्सल फाउंडेशन एवं अमे चैरिटेबल ट्रस्ट, देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले बहादुर सैनिकों के प्रति सहानुभूति दिखाने के लिए सीमा पर पहुंच गये। बहुत इस तरह के मामले देखने को मिलते है। सैनिकों को राखी आमतौर पर डाक से भेजी जाती है।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर बनासकांठा सीमा के सुई गांव में 16 राष्ट्र सेविका बहनों ने लगभग 230 सैनिकों को राखियां बांधी। राखी बांधने वाली बहनों ने पारंपरिक रूप से सभी सीमावर्ती सैनिकों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना की। भारत माता की रक्षा के लिए जितने भी जवान सरहद पर खड़े पांव रहकर देख की रक्षा कर रहे हैं, उन्हें ईश्वर खूब सौर्य एवं बल प्रदान करे ऐसी भगवान से प्रार्थना की। 
प्रकाश वेकारिया ने कहा, "इस बार हमने तय किया कि हम सीमा पर जाएंगे और अपने सैनिकों को राखी बांधकर रक्षाबंधन मनाएंगे।" हमने संकल्प पूरी की और सभी जवानों को राखी बांधी, उन्हें मिठाई खिलाई और एक दूसरे को गले लगाया। कुछ पल के लिए हम सब भावुक हो गए लेकिन "भारत माता की जय", "वंदे मातरम" के नारे से सभी जवानों के हौसले बुलंद हो गए। सीमा पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ अन्य बहादुर सैनिकों ने भी बहुत अच्छा सहयोग किया और उन्होंने भी अपनी भावनाओं को व्यक्त किया।
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