सूरत : ब्रेन डेड एम्ब्रोईडरी कारखानेदार के अंगदान से तीन लोगों को नया जीवन मिला
लिवर और चक्षुओं का दान हो सका, दिल और फेफडे खराब होने से स्वीकार नहीं हुए
साल 2023 की शुरुआत में सूरत शहर से अंगदान किया गया है। लेउवा पटेल समाज के विपुलभाई लाभुभाई भिखड़िया उम्र 38 के परिवार ने ब्रेनडेड विपुलबाई के लिवर और चक्षुओं के अंगदान से तीन लोगों नवजीवन देकर मानवता की महक फैलाई। दिल और फेफडे खराब होने से उनका दान नहीं हो सका। टेक्सटाइल और डायमंड सिटी के नाम से मशहूर सूरत शहर अब देश में ऑर्गन डोनर सिटी के तौर पर मशहूर हो रहा है।
सिर दर्द के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया
विपुलभाई ई - 403, जलदर्शन अपार्टमेंट, कॉजवे रोड, सिंगनपुर गांव, सूरत में रहते हैं और कतारगाम में एक कढ़ाई (एम्ब्रोईडरी) इकाई के मालिक हैं। उन्हें 22 दिसंबर को कतारगाम के अनुभव अस्पताल में सिरदर्द और उल्टी के कारण भर्ती कराया गया था और दो दिनों के इलाज के बाद उनकी सेहत में सुधार होता दिख रहा था। उन्हें 24 दिसंबर को अस्पताल से छुट्टी मिल गई थी। घर आने के कुछ घंटों बाद, उन्हें दौरा पड़ा और आगे के इलाज के लिए उन्हें फिर से अनुभव अस्पताल में भर्ती कराया गया। 25 दिसंबर को वीनस हॉस्पिटल के डॉ. राकेश कलथिया के युनिट में इलाज के लिए भर्ती किया। सीटी स्कैन किया तो दिमाग में नस फटी होने का पता चला। न्यूरोसर्जन डॉ. मेहुल बालधा ने 5 जनवरी को ब्रेन डेड घोषित किया।
परिवार अंगदान के लिए राजी हो गया
विपुलभाई के परिवार वालों ने बताया कि विपुलभाई की किडनी पिछले चार साल से खराब थी और उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट की जरूरत थी। हमने भी अंग विफलता के दर्द का अनुभव किया है। डोनेट लाइफ की ऑर्गन डोनेशन एक्टिविटी को हम सालों से सोशल मीडिया पर फॉलो कर रहे हैं और अक्सर अखबारों में भी डोनेट लाइफ की ऑर्गन डोनेशन एक्टिविटी की खबरें पढ़ते हैं। हम हमेशा सोचते थे कि यह मानव सेवा का नेक कार्य है। परिवार में पत्नी आशाबेन,16 साल की बेटी निष्ठा 11वीं कक्षा में शारदा विद्यालय में पढ़ती है, 15 साल का बेटा धार्मिक 10वीं कक्षा में श्रीस्वामीनारायण गुरुकुल विद्यालय में पढ़ता है।
दिल और फेफड़े का दान नहीं किए जा सके
परिवार से अंग दान की सहमति मिलने के बाद जशलोक अस्पताल, मुंबई को हृदय, एमजीएम अस्पताल, चेन्नई को फेफड़े और आईकेडीआरसी अहमदाबाद को लीवर आवंटित किया। मुंबई और चेन्नई से चिकित्सकों की टीम दिल और फेफड़े का दान स्वीकार करने के लिए सूरत आई थी लेकिन दिल और फेफड़े खराब होने के कारण उनका दान स्वीकार नहीं किया जा सका। लिवर डोनेशन आईकेडीआरसी डॉ. सुरेश कुमार और उनकी टीम को दिया गया। लोकदृष्टि आई बैंक द्वारा नेत्रदान डॉ. प्रफुल्ल शिरोया ने स्वीकार किया। आईकेडीआरसी, अहमदाबाद में दान किए गए लिवर को एक जरूरतमंद मरीज में ट्रांसप्लांट किया गया है।