भारत और चीन ने जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया

भारत और चीन ने जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया

नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) भारत और चीन जून से कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करेंगे। पांच साल के अंतराल के बाद यह यात्रा होने जा रही है।

इस कदम को पूर्वी लद्दाख में सीमा गतिरोध से बुरी तरह प्रभावित दोनों देशों के संबंधों को सामान्य बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि यह यात्रा जून से अगस्त तक दो मार्गों - उत्तराखंड में लिपुलेख दर्रा और सिक्किम में नाथू ला के जरिए होगी।

चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की तीर्थयात्रा का हिंदुओं के साथ-साथ जैन और बौद्धों के लिए भी बड़ा धार्मिक महत्व है।

मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘विदेश मंत्रालय (एमईए) द्वारा आयोजित कैलाश मानसरोवर यात्रा जून से अगस्त 2025 तक होने वाली है।’’

प्रारंभ में कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में यात्रा को निलंबित कर दिया गया था और बाद में पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर दोनों पक्षों के बीच सैन्य गतिरोध के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था।

(प्रधानमंत्री नरेन्द्र)मोदी-(चीनी राष्ट्रपति) शी (चिनफिंग) वार्ता के बाद, दोनों पक्षों ने पिछले कुछ महीनों में कई बैठकें कीं, जिनका उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाना था।

जनवरी में विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बीजिंग का दौरा किया और अपने चीनी समकक्ष सन वेइदोंग के साथ बातचीत की। बैठक में दोनों पक्ष कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने पर सहमत हुए थे।

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘इस साल लिपुलेख दर्रे से उत्तराखंड होते हुए पांच जत्थे तथा नाथू ला दर्रे से सिक्किम होते हुए 10 जत्थे (मानसरोवर) यात्रा पर जायेंगे। हर जत्थे में 50 यात्री होंगे।’’

यात्रा के लिए आवेदन संबंधित वेबसाइट पर जमा किए जा सकते हैं।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि आवेदकों में से यात्रियों का चयन उचित प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा।

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