जल संधि स्थगित करने की भारत की घोषणा के बाद पाक ने सिंधु नदी पर विवादित नहर परियोजना रद्द की
(सज्जाद हुसैन)
इस्लामाबाद, 25 अप्रैल (भाषा) जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकवादी हमले के मद्देनजर भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने के निर्णय के बाद पाकिस्तान सरकार ने विवादास्पद नहर परियोजना को रोकने का निर्णय लिया है।
सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने पंजाब प्रांत के रेगिस्तानी क्षेत्र की सिंचाई के लिए फरवरी में महत्वाकांक्षी चोलिस्तान परियोजना का उद्घाटन किया था।
हालांकि सिंध प्रांत में इस कदम को लेकर हंगामा खड़ा हो गया था, जहां पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) सहित विभिन्न राजनीतिक दलों ने इस परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था।
पीपीपी, केंद्र में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति में नयी दिल्ली ने सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करने की घोषणा की, जिसके बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीपीपी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी से मुलाकात कर नहर परियोजना को रोकने पर सहमति जताई थी।
दोनों दलों ने इस बात पर भी सहमति जताई थी कि विवादास्पद नहर परियोजना तब तक निलंबित रहेगी जब तक कि प्रांतों के बीच विवादों से निपटने के लिए उच्चस्तरीय अंतर-प्रांतीय निकाय ‘काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स’ (सीसीआई) में इस मुद्दे पर आम सहमति नहीं बन जाती।
‘डॉन’ की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बिलावल के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों पक्षों ने देश की स्थिति और नदियों से संबंधित भारत की घोषणाओं पर विस्तार से विचार किया।
उन्होंने कहा, “आज (शुक्रवार को) पीपीपी और पीएमएल-एन के बीच बैठक में हमने आपसी सहमति से फैसला किया है कि जब तक सीसीआई में आपसी सहमति से कोई फैसला नहीं हो जाता, तब तक कोई और नहर नहीं बनाई जाएगी और संघीय सरकार ने फैसला किया है कि प्रांतों के बीच आम सहमति के बिना नहरों पर आगे कोई प्रगति नहीं होगी।”
सीसीआई की बैठक दो मई को होगी, जिसमें पीपीपी और पीएमएल-एन के निर्णयों के समर्थन को लेकर विचार किया जाएगा।