पहलगाम हमला: भारत ने पाकिस्तान से राजनयिक रिश्तों में कटौती की, सिंधु जल संधि स्थगित

पहलगाम हमला: भारत ने पाकिस्तान से राजनयिक रिश्तों में कटौती की, सिंधु जल संधि स्थगित

नयी दिल्ली, 23 अप्रैल (भाषा) भारत ने पहलगाम आतंकवादी हमले के मद्देनजर बुधवार को पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए उसके साथ राजनयिक संबंधों में व्यापक कटौती, 1960 की सिंधु जल संधि स्थगित करने और अटारी चौकी को बंद किए जाने समेत कई फैसले किए।

पहलगाम में नृशंस हमले में 26 लोगों की मौत के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई, जिसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया तथा सुरक्षा बलों को ‘‘उच्च सतर्कता’’ बनाए रखने का निर्देश दिया गया।

सीसीएस की बैठक के बाद देर शाम विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने संवाददाताओं को फैसलों से अवगत कराया। उन्होंने बताया कि एक मई तक राजनयिक संबंधों में और कटौती के माध्यम से पाकिस्तानी और भारतीय उच्चायोगों में तैनात लोगों की कुल संख्या घटाकर 55 से 30 कर दी जाएगी।

मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय है।

मिस्री ने कहा कि पहलगाम हमले के सीमापार संबंधों को सीसीएस को दी गई जानकारी में उजागर किया गया, जिसके बाद पाकिस्तान के खिलाफ कदम उठाने का निर्णय लिया गया।

नयी जवाबी कार्रवाइयों ने दोनों पक्षों के बीच मौजूद कुछ कूटनीतिक तंत्रों को बंद कर दिया है, जिससे द्विपक्षीय संबंध एक और नए निम्न स्तर पर पहुंच गए हैं।

उन्होंने कहा कि सीसीएस ने संकल्प लिया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

विदेश सचिव ने पांच जवाबी कदमों की घोषणा करते हुए कहा कि ‘‘पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित (पर्सोना नॉन ग्राटा) घोषित किया गया है’’ तथा उनसे एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने के लिए कहा गया है।

उन्होंने कहा कि भारत भी इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना, वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। मिस्री ने कहा, ‘‘संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे। दोनों उच्चायोगों से सेवा सलाहकारों के पांच सहायक कर्मचारियों को भी वापस बुलाया जाएगा।’’

मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिकों को दक्षेस वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा।

सीसीएस की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल भी शामिल हुए।

उन्होंने कहा कि सीसीएस ने संकल्प लिया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।

सीसीएस बैठक से कुछ घंटे पहले, राजनाथ सिंह ने कहा कि कश्मीर के पहलगाम में हुए कायराना आतंकवादी हमले में शामिल लोगों को ‘‘निकट भविष्य’’ में मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा और भारत ऐसी किसी भी आतंकवादी गतिविधि से ‘‘भयभीत’’ नहीं हो सकता।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत न केवल उन लोगों को ढूंढ़ेगा जिन्होंने हमला किया, बल्कि उन लोगों का भी पता लगाएगा जिन्होंने ‘‘पर्दे के पीछे बैठकर’’ भारतीय धरती पर इस नापाक कृत्य को अंजाम देने की साजिश रची।

सीसीएस की बैठक ढाई घंटे तक चली और इसमें अटारी एकीकृत जांच चौकी को भी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया गया। यह दोनों देशों के बीच एकमात्र चालू पारगमन सीमा है।

मिस्री ने कहा कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित रहेगी, जब तक कि पाकिस्तान सीमापार आतंकवाद को अपना समर्थन विश्वसनीय रूप से बंद नहीं कर देता।

अटारी में एकीकृत सीमा चौकी को बंद करने के बारे में मिस्री ने कहा कि जो लोग वैध प्रमाण-पत्र के साथ सीमा पार गए हैं, वे एक मई से पहले उस मार्ग से लौट सकते हैं।

उन्होंने बताया कि सीसीएस को पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। मिस्री ने कहा, ‘‘कई लोग घायल हुए हैं। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।’’

मिस्री ने कहा कि दुनिया भर की कई सरकारों ने अपना समर्थन और एकजुटता दिखायी है और उन्होंने स्पष्ट रूप से इस आतंकवादी हमले की निंदा की है। उन्होंने कहा, ‘‘सीसीएस ने ऐसी भावनाओं की सराहना की, जो आतंकवाद के प्रति शून्य सहिष्णुता दर्शाती है।’’

विदेश सचिव ने बताया कि सीसीएस को दी गई जानकारी में आतंकवादी हमले के सीमा पार संबंधों को सामने लाया गया। उन्होंने कहा कि इस बात को रेखांकित किया गया कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में चुनावों के सफल आयोजन और आर्थिक वृद्धि तथा विकास की दिशा में इसकी निरंतर प्रगति के मद्देनजर हुआ।

मिस्री ने कहा कि सीसीएस ने समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और सभी सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता बनाए रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें यह संकल्प लिया गया कि हमले के अपराधियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और उनके प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाएगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘तहव्वुर राणा के हालिया प्रत्यर्पण की तरह, भारत उन लोगों की तलाश में लगातार डटा रहेगा जिन्होंने आतंकवादी कृत्य किए हैं या इसकी साजिश रची है।’’

रक्षा मंत्री सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘मैं इस मंच से देशवासियों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि इस घटना के मद्देनजर भारत सरकार हर वह कदम उठाएगी जो आवश्यक और उचित होगा।’’

रक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘भारत इतनी पुरानी सभ्यता और इतना बड़ा देश है कि वह किसी भी आतंकवादी गतिविधि से भयभीत नहीं हो सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ऐसे कृत्यों के लिए जिम्मेदार लोगों को निकट भविष्य में मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।’’